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विस सत्र: किसान न्याय योजना के भुगतान को लेकर सदन में हंगामा

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को कम भुगतान का मुद्दा गरमा गया। बीजेपी विधायक मोतीलाल साहू ने 2020-21 और 2021-22 में योजना के तहत भुगतान में कमी को लेकर सरकार से सवाल किया। उन्होंने पूछा, “आम तौर पर योजनाओं में राशि बढ़ाई जाती है, लेकिन यहां भुगतान कम क्यों किया गया?”
कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने बताया कि 2020-21 में इस योजना के लिए 5627.89 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जबकि 2021-22 में यह राशि घटकर 5552.45 करोड़ रुपये हो गई। उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों के रकबे में कटौती की थी और मेढ़ का रकबा घटा दिया गया था।
मंत्री नेताम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “किसानों के हितैषी होने का ढोंग करने वालों ने उनके साथ छल किया है। हमारी सरकार ने सालभर में किसानों को 17 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया है।”
विधायक मोतीलाल साहू ने मंत्री से सीधे सवाल करते हुए पूछा, “योजना में 73 करोड़ 95 लाख रुपये की कटौती क्यों की गई?” इस सवाल पर सदन में हंगामा शुरू हो गया।
कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा, “आपकी सरकार ने वादे के अनुसार किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल कब और कैसे देंगे? आज ही सदन में इसकी घोषणा करें।” उनके इस बयान पर पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
इस मुद्दे पर सदन में शोरगुल के बीच विधायकों के बीच तकरार जारी रही। बीजेपी ने जहां सरकार पर किसानों के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस ने योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता का दावा किया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना में भुगतान की कटौती को लेकर विधानसभा में सियासी गर्मी चरम पर रही। जहां बीजेपी ने इसे किसानों के हितों पर चोट बताया, वहीं कांग्रेस ने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले पर क्या कदम उठाती है।
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