जंग के बीच ईरान में होर्मुज जलसंधि बंद करने की मांग, बढ़ सकती है कच्चे तेल की कीमत

13 जून से ईरान-इजरायल के बीच शुरू हुए युद्ध का आज 10वां दिन है. अभी तक के जंग में दोनों देशों में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. लेकिन इस जंग के 10वें दिन नया मोड़ तब आया जब अमेरिका खुले तौर पर इस जंग में शामिल हो गया. रविवार को अमेरिका ने ईरान पर हमला करते हुए उसके तीन परमाणु स्थलों को निशाना बनाया है. जिनमें “फोर्डो, नतांज और एस्फाहान” शामिल हैं. इस हमले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. जिसमें उन्होंने अमेरिका सेना को हमले की बधाई दी. ट्रंप ने कहा , हमने उनके परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया, अब ईरान को शांति के रास्ते पर आना चाहिए. अमेरिकी हमले के बाद यह जंग और तेज हो गया है. ईरान ने इजरायल में कई मिसाइलें दागी. अब ईरान इस जंग में रूस का साथ हासिल करने की कोशिश में जुटा है. इसके लिए ईरान के विदेश मंत्री आज मास्को रवाना हो रहे हैं.
इससे पहले ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए हमले की जानकारी दी थी. उन्होंने एक पोस्ट लिखते हुए कहा था कि “हमने ईरान में तीन परमाणु स्थलों पर अपना बहुत सफल हमला पूरा कर लिया है, जिनमें फोर्डो, नतांज और एस्फाहान शामिल हैं. सभी विमान अब ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर हैं. अब शांति का समय है! उन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इस हमले की जानकारी.
होर्मुज जलसंधि पर ईरानी सुप्रीम लीडर खोमेनेई लेंगे अंतिम फैसला
होर्मुज जलसंधि को बंद करने की उठ रही मांग पर अंतिम फैसला ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खोमेनेई लेंगे. मालूम हो कि होर्मुज फारस की खाड़ी (Persian Gulf) में प्रवेश करने का इकलौता समुद्री मार्ग है. यह एक तरफ ईरान को और दूसरी तरफ ओमान और संयुक्त अरब अमीरात को बांटता है, इसके अलावा यह फारस की खाड़ी को, ओमान की खाड़ी और हिंद महासागर में अरब सागर से जोड़ता है. इसकी कुल चौड़ाई 33 किलोमीटर है और दुनिया का 20 फीसदी तेल और गैस इसी रास्ते से जाता है. ईरान पहले भी कई बार इस जलमार्ग को बंद करने की धमकी देता रहा है.
इजरायल, अमेरिकी हमले के बीच ईरान में होर्मुज जलसंधि बंद करने की मांग
ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध में अमेरिका की एंट्री के बाद अब होर्मुज जलसंधि को बंद करने की मांग उठने लगी है. ईरानी संसद में होर्मुज जलसंधि को बंद करने की मांग उठी है. होर्मूज जलसंधि बंद होगा या नहीं इसपर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद अंतिम निर्णय लेगा. यदि यह जलसंधि बंद होती है तो एशियाई देशों में कच्चे तेल की कीमत बढे़गी.
ईरान से 311 भारतीयों की एक और खेप आई दिल्ली
युद्धग्रस्त ईरान से भारतीयों को वापस लाने की कवायद जारी है. ऑपरेशन सिंधु के तहत भारत सरकार ईरान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस ला रही है. रविवार शाम ईरान से 311 भारतीयों की एक और खेप दिल्ली पहुंची. अब तक ईरान से 1428 भारतीय नागरिक सकुशल भारत लाए गए है.
ईरान पर हमले वाले अमेरिका मिशन का नाम- मिडनाइट हैमर
ईरान के परमाणु ठिकाने पर अमेरिकी हमले वाले मिशन का नाम ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ रखा गया था. इस बात की जानकारी अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने दी है. पेंटागन ने बताया कि हमारे हमले में कोई जनहानि नहीं हुई है. हमने सिर्फ परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया. हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर 9 बम गिराए. इससे ईरान के तीनों परमाणु ठिकाने तबाह हो गए.
सोमवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलेंगे ईरान के विदेश मंत्री
ईरान-इजरायल के बीच जारी युद्ध में अमेरिका की एंट्री के बाद पूरी दुनिया में राजनीति तेज हो गई है. ईरान के विदेश मंत्री ने इजरायल और अमेरिका द्वारा ईरान पर किए गए हमले को ‘बिग रेड लाइन’ (खतरे के बड़े निशान) पार करने वाला बताया है. ईरान के विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि सोमवार को वो रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से मिलेगी. पुतिन से मिलकर ईरान के विदेश मंत्री मौजूदा हालातों पर बातचीत करेंगे. यदि रूस इस जंग में शामिल हुआ तो युद्ध की स्थिति और भयावह हो सकती है.