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अमेरिका जाने वाले हो जाएं सावधान! ट्रंप प्रशासन के नए फरमान से बढ़ी भारतीयों की टेंशन

नई दिल्ली स्थित संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) दूतावास ने गुरुवार (26 जून, 2025) को सभी वीजा आवेदकों को पिछले 5 वर्षों के अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल का विवरण जांच के लिए देने का निर्देश दिया है. दूतावास ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसा न करने पर वीजा खारिज किया जा सकता है. 

अमेरिकन एंबेसी की तरफ से एक्स पर एक बयान में कहा गया है कि वीजा आवेदकों को डीएस-160 वीजा आवेदन पत्र पर पिछले 5 सालों में उनकी तरफ से इस्तेमाल किए गए प्रत्येक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता नाम या हैंडल को सूचीबद्ध करना आवश्यक है. आवेदक हस्ताक्षर करने और जमा करने से पहले प्रमाणित करते हैं कि उनके वीजा आवेदन में दी गई जानकारी सत्य और सही है.

एंबेसी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सोशल मीडिया संबंधी जानकारी न देने पर वीजा अस्वीकृत हो सकता है और भविष्य में भी वीजा के लिए आप अयोग्य साबित हो सकते हैं. 

जानें क्या है एफ-1, एम-1 और जे-1 वीजा 
राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा का हवाला देते हुए अमेरिका ने सोमवार को कहा था कि छात्र वीजा के लिए सभी आवेदकों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करने होंगे. नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने सोमवार को कहा था कि तुरंत प्रभाव से FM या J गैर आप्रवासी वीजा के लिए आवेदन करने वाले सभी व्यक्तियों से अनुरोध है कि वे अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट की गोपनीयता सेटिंग को सार्वजनिक कर दें ताकि अमेरिकी कानून के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका में उनकी पहचान और स्वीकार्यता स्थापित करने के लिए आवश्यक जांच की जा सके.

एफ-1 वीजा एकेडमिक स्टडीज करने वाले छात्रों को जारी किया जाता है, जबकि एम-1 वीजा व्यावसायिक या अन्य गैर-शैक्षणिक कार्यक्रमों में नामांकित लोगों के लिए है. दूसरी ओर जे-1 वीजा शिक्षण, अध्ययन, शोध या नौकरी को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है, जो आमतौर पर कुछ हफ्तों से लेकर कई वर्षों तक का होता है. 

पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने दुनिया भर के सभी अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों के नए इंटरव्यू लेने, छात्र और विजिटर वीजा के लिए आवेदन स्वीकार करने पर रोक लगा दी थी.

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