एनआईटी रायपुर में प्रथम वर्ष के नवप्रवेशी विद्यार्थियों हेतु ओरिएंटेशन (इंडक्शन) कार्यक्रम का किया गया आयोजन, साथ ही स्मार्ट क्लासरूम, हीरा ऑडिटोरियम और हीरा वी आई पी लाउन्ज का किया गया उद्घाटन

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) रायपुर में 23 अगस्त 2025 को सत्र 2025-26 के नवप्रवेशी विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणादायी ओरिएंटेशन (इंडक्शन) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत सबसे पहले डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने हेतु दो स्मार्ट क्लासरूम्स का उद्घाटन किया गया, जिसके बाद छात्र गतिविधियों और शैक्षणिक आयोजनों को प्रोत्साहित करने हेतु हीरा ऑडिटोरियम और हीरा वीआईपी लाउंज का उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री बजरंग लाल अग्रवाल, सीएमडी, गोदावरी पावर एंड इस्पात लिमिटेड, डॉ. सुरेश हावरे, अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, एनआईटी रायपुर एवं आईआईटी भिलाई, श्री एस.के. अग्रवाल, पूर्व छात्र, एनआईटी रायपुर (1975), श्री उमेश चितलांगिया, अध्यक्ष, अलुमिनी एसोसिएशन, जीईसी-एनआईटी रायपुर तथा डॉ. एन.वी. रमना राव, निदेशक, एनआईटी रायपुर की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर सभी डीन, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत में नए उद्घाटित हीरा ऑडिटोरियम में माननीय निदेशक डॉ. एन.वी. रमना राव ने गोदावरी पावर एंड इस्पात लिमिटेड, हीरा समूह और श्री एस.के. अग्रवाल के उदार योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. सुरेश हावरे ने इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए छात्रों और पूर्व छात्रों की अद्वितीय एकता की सराहना की और पूर्व छात्र संबंधों को सुदृढ़ करने हेतु डॉ. राव के प्रयासों की प्रशंसा की। पूर्व छात्र श्री एस.के. अग्रवाल ने छात्र जीवन की यादें साझा कीं और संस्थान को योगदान देने का अवसर मिलने पर कृतज्ञता व्यक्त की, वहीं श्री उमेश चितलांगिया ने उनके इस पहल की सराहना करते हुए पूर्व छात्र संघ की पारदर्शी और मज़बूत नींव को रेखांकित किया। अपने प्रेरणादायी भाषण में मुख्य अतिथि श्री बजरंग लाल अग्रवाल ने अपने परिवार की इंजीनियरिंग से जुड़ी परंपरा, सीमेंट और स्टील प्लांट की स्थापना तथा एशिया का पहला सौर तापीय ऊर्जा संयंत्र बनाने की यात्रा को गर्व से साझा किया।

इसके बाद नवप्रवेशी विद्यार्थियों के लिए इंडक्शन कार्यक्रम का शुभारंभ डीडीयू ऑडिटोरियम में हुआ | यह समारोह विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ, जिनमें श्री बजरंग लाल अग्रवाल, सीएमडी, गोदावरी पावर एंड इस्पात लिमिटेड, डॉ. सुरेश हावरे, अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, एनआईटी रायपुर एवं आईआईटी भिलाई, प्रो. राजीव प्रकाश, निदेशक, आईआईटी भिलाई तथा डॉ. एन. वी. रमना राव, निदेशक, एनआईटी रायपुर शामिल रहे। इस अवसर पर सभी डीन, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय निदेशक डॉ. एन.वी. रमना राव द्वारा स्वागत उद्बोधन से हुआ। उन्होंने उद्योग और शिक्षा क्षेत्र के प्रतिष्ठित नेताओं की उपस्थिति को रेखांकित किया और विद्यार्थियों को बताया कि यह दिन केवल उनकी इंजीनियरिंग यात्रा की शुरुआत नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका का भी आरंभ है।
प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि एनआईटी रायपुर में प्रवेश पाना मानो लंबी और कठिन चढ़ाई के बाद बेस कैंप तक पहुँचने जैसा है। उन्होंने उनकी मेहनत और त्याग की सराहना की और उनसे आग्रह किया कि वे स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें, राष्ट्र को सदैव प्राथमिकता दें और सफलता में परिवार के त्याग को कभी न भूलें।
इसके बाद बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. सुरेश हावरे ने एनआईटी रायपुर के पूर्व छात्रों व प्रोफेसरों की उद्योग और अकादमिक जगत में उपलब्धियों को उजागर किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अलग-अलग राज्यों से आए साथियों से जुड़ने, प्रस्तुतीकरण कौशल सुधारने और आत्मविश्वास बढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि असफलताओं के लिए स्वयं को दोष न दें, बल्कि एनआईटीयन होने पर गर्व करें। डॉ. हावरे ने फ्रस्ट्रेशन टॉलरेंस कोशंट (FQ) की अवधारणा प्रस्तुत की और बताया कि चुनौतियों और दबाव को झेलने की क्षमता ही व्यक्ति की कार्यक्षमता को परिभाषित करती है।
मुख्य अतिथि श्री बजरंग लाल अग्रवाल ने अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि भले ही संस्थान का नाम और सुविधाएँ बदल गई हों, किंतु इसकी आत्मा, मूल्य और ज्ञान आज भी वही हैं। उन्होंने नवप्रवेशी विद्यार्थियों से सीधे संवाद करते हुए याद किया कि कभी वे भी इसी स्थान पर थे। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग ने उन्हें केवल परिपथ ही नहीं, बल्कि कड़ी मेहनत और समर्पण की शक्ति सिखाई, जिससे दुनिया को बदला जा सकता है। उन्होंने समझाया कि इंजीनियरिंग हमें “कैसे” से पहले “क्यों” पूछने की आदत सिखाती है। उन्होंने सभी से राष्ट्र निर्माण की सामूहिक जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया।

द्वितीय सत्र में विद्यार्थियों को संस्थान की शैक्षणिक व्यवस्था, पाठ्यक्रम एवं अधिनियमों से डॉ. एस. भौमिक एवं डॉ. एस. घोष, एसोसिएट डीन (अकादमिक) द्वारा अवगत कराया गया। इसके पश्चात डॉ. विवेक गाबा, फैकल्टी इंचार्ज, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिस ने विद्यार्थियों को प्लेसमेंट प्रक्रिया, इंटर्नशिप के अवसर, स्टार्ट-अप इंडिया, डिजिटल इंडिया तथा संस्थान में उपलब्ध विभिन्न नवाचार प्लेटफॉर्म्स के बारे में मार्गदर्शन दिया। डॉ. मनोज कुमार चोपकर, डीन (छात्र कल्याण), ने सांस्कृतिक एवं क्लब सुविधाओं, खेल संरचना तथा संस्थान द्वारा उपलब्ध अन्य सुविधाओं का परिचय प्रस्तुत किया। इसके साथ ही छात्रों की सुरक्षा, और छात्रावास नियमों पर ध्यान केंद्रित करते हुए छात्रावास वार्डन डॉ. आयुष खरे (बालक छात्रावास) एवं डॉ. प्रतिमा गुप्ता (बालिका छात्रावास) द्वारा क्रमशः अलग-अलग संवाद सत्र आयोजित किए गए।
दिन का समापन सांस्कृतिक रंग में हुआ, जब प्रसिद्ध अभिनेता मनोज जोशी एवं उनकी टीम द्वारा हिंदी ऐतिहासिक नाटक “चाणक्य” का भव्य मंचन किया गया, जिसका आयोजन एनआईटी रायपुर द्वारा आईआईटी भिलाई के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम का समापन औपचारिक समापन वक्तव्य के साथ हुआ, जिसने विद्यार्थियों की शैक्षणिक यात्रा की आधिकारिक शुरुआत को चिह्नित किया।