धर्म आस्था

खाटू श्याम का दरबार: जहां बिना बोले भी सुन ली जाती है हर मुराद

आज देशभर में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है. हर गली, हर मंदिर और हर भक्त के मन में आज बस एक ही नाम है – “हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा, जय खाटू श्याम बाबा”. सुबह से ही जगह-जगह भक्ति गीत, भजन संध्या और झांकी दर्शन के आयोजन हो रहे हैं. आज श्याम मंदिरों में घंटों की आवाजों और “जय श्री श्याम” के नारों से वातावरण गूंज रहा है. हर जगह प्रसाद वितरण, भंडारे और भक्ति कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.

कहा जाता है कि श्याम बाबा का दरबार जीवितों की अदालत है, जहां बिना बोले भी मन की बात सुन ली जाती है. भक्तों का विश्वास है कि श्याम बाबा के दरबार में जो सच्चे दिल से गुहार लगाता है, उसकी झोली खाली नहीं लौटती. यही अटूट आस्था आज हर भक्त के चेहरे पर झलक रही है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, महाभारत काल में बर्बरीक के रूप में जन्मे श्याम बाबा ने श्रीकृष्ण को अपना सिर अर्पित किया था. तब श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलियुग में वे श्याम नाम से पूजे जाएंगे और भक्तों की हर मुराद पूरी करेंगे.

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