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भाकृअनुप-एनआईबीएसएम ने मनाया किसान दिवस; सतत विकास के लिए फसल विविधीकरण और स्वच्छ कृषि पर दिया जोर

भाकृअनुप–राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान (ICAR-NIBSM), रायपुर ने आज किसान दिवस (राष्ट्रीय किसान दिवस) के अवसर पर एक व्यापक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसान संवाद, जागरूकता सृजन और स्वच्छ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना था। भारत रत्न चौधरी चरण सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित यह कार्यक्रम वैज्ञानिक नवाचारों और धरातलीय कार्यान्वयन के बीच की कड़ी को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में सामने आया। सभा को संबोधित करते हुए भाकृअनुप-एनआईबीएसएम के निदेशक डॉ. पी. के. राय ने चौधरी चरण सिंह जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और जोर देकर कहा कि किसान समुदाय के प्रति समर्पण और सेवा के मूल्य ही संस्थान के मिशन का आधार हैं।

तकनीकी सत्रों के दौरान डॉ. राय ने छत्तीसगढ़ क्षेत्र में फसल विविधीकरण की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने रेखांकित किया कि केवल एक फसल पर निर्भरता कम करना किसानों की आय बढ़ाने और अप्रत्याशित जलवायु तथा बाजार जोखिमों के प्रति लचीलापन विकसित करने के लिए अनिवार्य है। किसानों को दलहन, तिलहन और सब्जियों जैसी लाभकारी फसलों को अपनाने के साथ-साथ जैविक तनावों के वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसके अतिरिक्त, डॉ. राय ने भारत सरकार की विभिन्न किसान कल्याण योजनाओं के लाभ उठाने पर जोर दिया, जो ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए आय सहायता, बीमा कवरेज और ऋण सुविधा प्रदान करती हैं।

इससे पूर्व कार्यक्रम में डॉ. पंकज शर्मा, संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी (स्वच्छता पखवाड़ा) ने किसान दिवस के ऐतिहासिक महत्व और ग्रामीण विकास के प्रति चौधरी चरण सिंह जी के योगदान पर प्रकाश डाला। डॉ. शर्मा ने कृषि कार्यों में ‘स्वच्छता’ के एकीकरण पर जोर देते हुए कहा कि स्वस्थ फसल उत्पादन और मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम का समापन एक प्रगतिशील किसान श्री द्वारकानाथ पांडे के अनुभव साझा करने के साथ हुआ। अंत में सभी प्रतिभागियों ने स्वच्छता, सतत कृषि और किसान-केंद्रित विकास को बढ़ावा देने का सामूहिक संकल्प लिया।

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