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वसई विरार नगर निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण करने पर ईडी की कार्रवाई

मुंबई । महाराष्ट्र के वसई विरार नगर निगम (वीवीसीएमसी) क्षेत्र में अवैध निर्माण करने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने नगर निगम के पूर्व नगर आयुक्त समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन लोगों ने मिलीभगत करके नगर निगम क्षेत्र में फ्लैट का अवैध निर्माण किया और निवेशकों को बेचे। बाद में इन फ्लैट को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिरा दिया गया था। 

ईडी के अधिकारी ने बताया कि वसई विरार नगर निगम (VVCMC) के पूर्व नगर आयुक्त आईएएस अनिल पवार, बिल्डर और बहुजन विकास अघाड़ी के नेता सीताराम गुप्ता, बिल्डर अरुण गुप्ता और VVMC के डिप्टी टाउन प्लानर वाईएस रेड्डी को गिरफ्तार किया गया है। डिप्टी टाउन प्लानर को निलंबित किया जा चुका है। 

उन्होंने बताया कि मामले की जांच में पता चला कि मुंबई के बाहरी इलाके में स्थित ट्विन सिटी वसई-विरार में 41 अवैध इमारतों का निर्माण किया गया था। इनको निवेशकों को बेचा गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया था। इससे कई घर खरीदार बेघर हो गए थे। इस मामले में मनी लॉड्रिंग पर कार्रवाई की गई। सभी आरोपियों को ईडी की हिरासत की मांग के लिए मुंबई में एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया जाएगा। 

हाईबोकेयर की मालकिन संदीपा विर्क मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार

इससे पहले ईडी ने हाईबोकेयर.कॉम की मालकिन संदीपा विर्क को गिरफ्तार किया। ईडी ने दावा किया है कि यह वेबसाइट मनी लॉन्ड्रिंग के लिए मुखौटा है। ईडी के मुताबिक संदीपा विर्क का वेब पोर्टल एफडीए-अनुमोदित सौंदर्य उत्पाद बेचता था। हालांकि, वेबसाइट पर जिन उत्पादों का ब्योरा था वे असल में थे ही नहीं। एफडीए अप्रूवल भी फर्जी था। पोर्टल में कंज्यूमर रजिस्ट्रेशन का भी कोई विकल्प नहीं था। भुगतान गेटवे की लगातार समस्याएं बनी हुई हैं। ईडी ने दावा किया कि वेबसाइट की जांच में सोशल मीडिया पर बहुत कम सक्रियता, निष्क्रिय व्हाट्सएप संपर्क नंबर और पारदर्शी संगठनात्मक विवरणों का अभाव पाया गया, जो सभी गैर-वास्तविक व्यावसायिक गतिविधि के निष्कर्ष को पुष्टि करते हैं।

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