ISRO ने रचा कीर्तिमान, ‘बाहुबली’ LVM3 से सबसे भारी सैटेलाइट ब्लूबर्ड-2 लॉन्च

श्रीहरिकोटा। इसरो का ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम-3 अमेरिकी सेटेलाइट ब्लूबर्ड- ब्लॉक-2 को अंतरिक्ष के लिए रवाना हो गया है। इसरो ने सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस मिशन को लॉन्च किया है। बाहुबली LVM3 ब्लूबर्ड 2 को लेकर अंतरिक्ष में उड़ान भर चुका है।
90 सेकेंड की देरी से भरी उड़ान
यह मिशन 8:54 बजे लॉन्च होने वाला था, लेकिन अब यह 90 सेकेंड की देरी से उड़ान भरी है। इसरो ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि बाहुबली रॉकेट के उड़ान पथ पर मलबा होने या अन्य उपग्रहों के साथ टकराव होने की संभावना थी, इसके चलते उड़ान में देरी हुई है।
एलवीएम3 भारत का सबसे शक्तिशाली रॉकेट
लांच व्हीकल मार्क3 (एलवीएम3) भारत का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है। इसलिए इस रॉकेट को बाहुबली रॉकेट भी कहते हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की योजना के अनुसार बुधवार को श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 8:54 बजे एलवीएम-3 एम6 राकेट नई पीढ़ी के अमेरिकी संचार सेटेलाइट ब्लूबर्ड- ब्लाक-2 के साथ अंतरिक्ष के सफर पर रवाना होगा। यह एलवीएम3 की छठी परिचालन उड़ान होगी।
लांचिंग के लगभग 15 मिनट बाद ब्लूबर्ड ब्लाक-2 के राकेट से अलग होने की उम्मीद है।इसरो ने कहा कि 6,100 किलोग्राम वजनी यह सेटेलाइट एलवीएम3 राकेट से लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में प्रक्षेपित किया जाने वाला सबसे भारी पेलोड होगा। इससे पहले सबसे भारी पेलोड एलवीएम-3-एम5 संचार उपग्रह सीएमएस-03 था। इसे इसरो ने दो नवंबर को लांच किया था।
इस मिशन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 अब तक भारत से लॉन्च किया गया सबसे भारी व्यावसायिक संचार उपग्रह है। इससे पहले इसरो एलवीएम3 रॉकेट के जरिए चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और वनवेब के 72 उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेज चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफलता पर इसरो की टीम को बधाई देते हुए कहा कि भारत के युवाओं की मेहनत और प्रतिभा से देश का अंतरिक्ष कार्यक्रम लगातार मजबूत हो रहा है। एलवीएम3 की विश्वसनीयता गगनयान जैसे भविष्य के मानव अंतरिक्ष मिशनों की नींव को और सशक्त बनाती है, साथ ही भारत की व्यावसायिक लॉन्च सेवाओं को वैश्विक पहचान दिला रही है।



