महात्मा गांधी नरेगा : प्राकृतिक संतुलन की ओर एक कदम

बीजापुर । विकासखंड भैरमगढ़ से 15 कि.मी. दूरी पर जिला दंतेवाड़ा की सीमा में ग्राम पंचायत दारापाल स्थित है। घाटी के नीचे बसे इस गांव की प्राकृतिक सौंदर्यता आगंतुकों का मन मोह लेती है। गांव वाले इस घाटी को कच्चा घाटी के नाम से संबोधित करते हैं। तीव्र ढलान वाले इस घाटी में दौड़ते हुए पानी को चलाने के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना से 300 नग कंटूर ट्रेंच का निर्माण किया गया है। इस कार्य से आस-पास की जमीन में नमी की मात्रा बढ़ रही है, जिससे प्राकृतिक रूप से उगने वाले पौधों को जीवित रहने में मदद मिलेगी। घाटी के नीचे 25 किसानों के लगभग 150 एकड़ कृषि भूमि है, किसानों को इस कार्य के होने से प्रत्यक्ष लाभ भी मिल रहा है। चलते हुए पानी को थामने के लिए घाटी के नीेचे तालाब का भी निर्माण किया गया है।
ग्राम पंचायत दारापाल के तकनीकी सहायक कुसुम भास्कर ने बताया कि कलेक्टर संबित मिश्रा के निर्देशन और सीईओ जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार के मार्गदर्शन में जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के कार्य प्राथमिकता से किये जा रहे हैं। घाटी में कन्टूर ट्रेंच बनाकर जमीन में नमी एवं तेज बहाव से भूमि के कटाव को रोकने का प्रयास है। इस कार्य में कुल 4 लाख 68 हजार रूपये व्यय हुए हैं, जिसमें कुल 1929 मानव दिवस सृजित किये गए हैं।
राजकुमार कश्यप गांव के किसान हैं, जिनकी 7 एकड़ कृषि भूमि घाटी के नीचे है। इन्होंने बताया कि पहले घाटी से तेज गति से पानी बहते हुए अपने साथ झाड़ी, जंगल का कचरा लाकर खेत मे लगी फसल को खराब कर देता था। तेज बहाव के कारण खेतों के मेड़ भी कट जाते थे, वर्तमान में यह समस्या नहीं आ रही है। इस कार्य में काम करने से मुझे मजदूरी भी प्राप्त हुई है।