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प्रधानमंत्री व गृह मंत्री से समय देने का अनुरोध; छत्तीसगढ़ पेंशनरों के लंबित मामलों पर चर्चा की मांग

भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को पत्र लिखकर उनके 28, 29 एवं 30 नवम्बर 2025 के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान पेंशनरों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा व ज्ञापन के लिए समय प्रदान करने का अनुरोध किया है।

प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र नामदेव द्वारा भेजे गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि—

छत्तीसगढ़ राज्य का गठन मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम–2000 के अंतर्गत किया गया था।

अधिनियम की धारा 49(6) के अनुसार छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के संयुक्त पेंशनरों के दायित्वों के विभाजन हेतु दोनों राज्यों के बीच आवश्यक कार्रवाई होना थी।

पत्र में कहा गया है कि—

विगत 25 वर्षों से पेंशन निर्धारण, सेवा-पुस्तिका सत्यापन, बकाया भुगतान तथा संबंधित दायित्वों के निपटान में गंभीर जटिलताएँ बनी हुई हैं।

गृह मंत्रालय द्वारा यदि इस विषय पर आवश्यक निर्देश दिए जाएँ, तो छत्तीसगढ़ तथा मध्यप्रदेश—दोनों ही राज्यों को लाभ मिलेगा।

छत्तीसगढ़ में लगभग 1.30 लाख पेंशनर, और मध्यप्रदेश में लगभग 5.30 लाख पेंशनर, इस दायित्व विभाजन से प्रभावित हैं।

महासंघ ने प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री से निवेदन किया है कि—

धारा 49(6) का उचित रूप से विलोपन सुनिश्चित किया जाए,

तथा उनके छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान पेंशनरों के प्रतिनिधिमंडल को समय देकर इस विषय पर चर्चा का अवसर प्रदान किया जाए,

क्योंकि यह विषय दो राज्य के पेंशनरों की बड़ी संख्या में प्रभावित पेंशनरों के हित से संबंधित है।

पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव तथा कलेक्टर रायपुर को भी आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजी गई है।

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