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हिंदी विरोध पर स्टालिन को अमित शाह का करारा जवाब, बोले- भाषा को मुद्दा बनाना उनका राजनीतिक हथकंडा

अमित शाह ने स्टालिन के हिंदी विरोध को बताया राजनीति, कहा— तमिल में मेडिकल-इंजीनियरिंग पढ़ाई शुरू करने की करें पहल

अमित शाह ने स्टालिन के हिंदी विरोध को बताया राजनीतिक हथकंडा, तमिल में मेडिकल-इंजीनियरिंग पढ़ाई शुरू करने की दी चुनौती

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन द्वारा हिंदी विरोध को आगामी विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाने की कोशिश पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने स्टालिन पर तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू न करने का आरोप लगाते हुए चुनौती दी कि यदि वे वास्तव में मातृभाषा के प्रति गंभीर हैं, तो इस दिशा में कदम उठाएं। चेन्नई में सीआईएसएफ स्थापना दिवस कार्यक्रम में शाह ने स्टालिन पर उत्तर और दक्षिण भारत के बीच विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तमिल भाषा, संस्कृति और परंपराएं भारतीय विरासत का अनमोल हिस्सा हैं, और पूरा देश इसका सम्मान करता है।

तमिलनाडु ने भारतीय संस्कृति को किया मजबूत

अमित शाह ने कहा कि तमिलनाडु ने भारतीय संस्कृति को हर क्षेत्र में समृद्ध किया है, चाहे वह प्रशासनिक सुधार हो, आध्यात्मिक ऊंचाई हो, शिक्षा हो या राष्ट्रीय एकता। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार तमिल सहित सभी भारतीय भाषाओं को संरक्षित करने और उन्हें रोजगार के अवसरों से जोड़ने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने यह भी कहा कि तमिल भाषा में उच्च शिक्षा शुरू होने से स्थानीय छात्रों को करियर में समान अवसर मिलेंगे।

भारतीय भाषाओं के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भारतीय भाषाओं में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CISF, CRPF, BSF, ITBP, SSB) की भर्ती परीक्षाएं कराने का निर्णय ले चुकी है। इससे अब केवल तमिल भाषा जानने वाले युवा भी इन परीक्षाओं में भाग लेकर सरकारी नौकरियों का लाभ उठा सकेंगे। पहले यह परीक्षाएं केवल हिंदी और अंग्रेजी में होती थीं, जिससे तमिल भाषी युवाओं को कठिनाई होती थी।

राजादित्य चोल के नाम पर CISF प्रशिक्षण केंद्र

शाह ने तमिलनाडु के तक्कोलम में स्थित CISF के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र का नाम चोल वंश के राजा राजादित्य चोल के नाम पर रखने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार तमिलनाडु के ऐतिहासिक नायकों का सम्मान करना नहीं भूली है।

स्टालिन का जवाब: ‘तमिलनाडु हिंदी औपनिवेशवाद नहीं मानेगा’

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु हिंदी औपनिवेशवाद स्वीकार नहीं करेगा। एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा कि तमिलनाडु पर हिंदी थोपने की हर कोशिश असफल रही है और भविष्य में भी ऐसा ही होगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि तमिलनाडु ने पहले ही उन लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है, जिन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

स्टालिन ने कहा, “द्रविड़ दिल्ली से निर्देश नहीं लेते। इतिहास गवाह है कि जो लोग तमिलनाडु पर हिंदी थोपने की कोशिश करते हैं, वे या तो असफल हो जाते हैं या बाद में द्रमुक (DMK) के साथ जुड़ जाते हैं।”

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