911 दिन में 642 लोगों को सांप ने काटा:ढाई-साल में 49 की मौत

रायगढ़ । मानसून का सीजन आते ही सांप काटने के मामले बढ़ जाते है। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में पिछले 911 दिनों में 642 लोगों को सांप ने काटा है, इनमें 49 लोगों की मौत हुई है। ये आंकड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल से मिले है। जहां इस मौसम में रोजाना 3-4 मरीज सर्पदंश के पहुंच रहे है।
ढाई साल के इन आकड़े में सर्पदंश के शिकार महिला और पुरूष दोनों बने हैं, लेकिन इसमें पुरूषों का आकड़ा ज्यादा है। 402 मेल और 240 फिमेल को सांप ने डसा है। स्नैक कैचर बताते है कि रायगढ़ में करीब 21 प्रजाति के सांप पाए जाते हैं। इसमें कुछ जहरीले, कुछ कम जहरीले और बिना जहर वाले हैं।
इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे, पर 49 की मौत मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर जितेन्द्र नायक ने बताया कि पिछले कुछ सालों में स्नेक बाइट के अधिकांश मामले सामने आए हैं। इसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रहने वाले लोग सांप का शिकार बने हैं।
ढाई साल यानि जनवरी 2023 से जून 2025 तक 911 दिन में 642 लोगों को सांप ने काटा है, जो इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे। जिसमें से 49 लोगों की मौत हो चुकी है। ज्यादातर 80 प्रतिशत केस में जहर नहीं होता है। हमारे पास भी जो आते हैं उसमें 50 प्रतिशत ऐसे होते हैं।
जून-जुलाई में स्नेक बाइट ज्यादा
डॉक्टरों के मुताबिक, जून और जुलाई बारिश का मौसम होता है। इसी सीजन में सांप भी अधिक निकलते हैं। ऐसे में इन दो महीनों में स्नेक बाइट का आकड़ा बढ़ जाता है। 2023 में जून-जुलाई में 80 लोगों को सांप ने काटा था, 2024 में 101 और 2025 के जून महीने में 57 लोग स्नेक बाइट का शिकार बने हैं।
इस मौसम में रेस्क्यू कॉल ज्यादा आ रहे
संपरक्षक एनिमल समिति के अध्यक्ष लोकेश मालाकार बताते है कि यह मौसम सांपो के फिडिंग का होता है। जिसके कारण हर प्रजातियों की सांप निकलती है। ऐसे में लोगों से उनका सामना अधिक होता है। साल भर में बारिश में सबसे ज्यादा रेस्क्यू कॉल आते हैं।
जहरीले और बिना जहर दोनों सांप निकल रहे
सर्परक्षक एनिमल समिति के संरक्षक विनितेश तिवारी बताते है कि रायगढ़ घने जंगल और पहाड़ों से घिरा हुआ है। ऐसे में यहां कई तरह के वन्यप्राणी विचरण करते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में सांपो की संख्या काफी बढ़ गई है।जहरीले और बिना जहर वाले सांप शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं, जो लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।