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दिल्‍ली में बाढ़ का खतरा! खोले गए हथिनीकुंड के 18 गेट, चेतावनी निशान के पार यमुना

नई दिल्‍ली: यमुना में जल स्‍तर तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में दिल्‍ली में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लाखों क्‍यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो 19 अगस्‍त की देर रात तक दिल्‍ली में पहुंच जाएगा. यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं. इधर, दिल्‍ली में पिछले 2 दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं. ऐसे में प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 19 अगस्त तक 206 मीटर तक पहुंचने की आशंका है, जो 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर जाएगा. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा रविवार को जारी एक एडवाइजरी जारी कर यह बात कही गई है.

यमुना में बढ़ रहा पानी, चेतावनी स्‍तर पार 

दिल्‍ली में 2 साल पहले आई बाढ़ की भयावह यादें अभी तक लोगों के जेहन में हैं. तब दिल्‍ली के कई इलाकों में यमुना का पानी घुस गया था. सुप्रीम कोर्ट तक यमुना का पानी पहुंच गया था. उधर, यमुना नदी के किनारे बसे लोगों को भी सुरक्षित स्‍थानों पर शिफ्त किया गया था. इस बार ऐसे हालात न बनें, इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है. शाम करीब सात बजे नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार करते हुए पुराने रेलवे पुल पर 204.60 मीटर के निशान पर पहुंच गया. दिल्ली के लिए चेतावनी स्तर 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का स्तर 205.33 मीटर है और 206 मीटर पर लोगों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है. पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ जोखिमों की निगरानी के लिए एक प्रमुख निरीक्षण बिंदु के रूप में काम करता है.

कब खतरे के निशान से ऊपर होगी यमुना?

एडवाइजरी में कहा गया है, ‘आज 17 अगस्त को हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा और ऊपरी यमुना क्षेत्र में भारी वर्षा को देखते हुए, यह सूचित किया जाता है कि दिल्ली रेलवे पुल पर जल स्तर 19 अगस्त 2025 को देर रात लगभग दो बजे 206.00 मीटर को पार कर सकता है.’ सीडब्ल्यूसी ने कहा कि सभी संबंधित एजेंसियों से बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है.

हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया सबसे ज्‍यादा पानी!

केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया, ‘जल स्तर में वृद्धि का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जाना है.’ बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से इस सीजन में सबसे अधिक मात्रा में लगभग 1,27,030 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि वजीराबाद से हर घंटे 45,620 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. दोनों बैराज से छोड़ा गया पानी आमतौर पर 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुंचता है.

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