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सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने किया मणिपुर का दौरा, सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मणिपुर का एक दिवसीय दौरा किया, जहां उन्होंने राज्य में तैनात असम राइफल्स और सेना की इकाइयों की वर्तमान सुरक्षा स्थिति एवं परिचालन तत्परता की विस्तृत समीक्षा समीक्षा की. यह दौरा पूर्वोत्तर में शांति, स्थिरता और समग्र विकास के प्रति भारतीय सेना की प्रतिबद्धता का परिचायक है. दौरे के दौरान सेना प्रमुख को जमीनी हालात और क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी गई. उन्होंने तैनात सैनिकों की तैयारियों का निरीक्षण किया और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के अनुसार पेशेवर रवैये अपनाने, दृढ़ संकल्प रखने और समर्पण के लिए प्रयासरत रहने की सराहना की.

जनरल द्विवेदी ने मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से भी भेंट की. इस अवसर पर दोनों के बीच सुरक्षा और विकास से जुड़े विभिन्न विषयों पर गंभीर विमर्श हुआ, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि सिविल प्रशासन और सशस्त्र बलों के बीच परस्पर सहयोग क्षेत्र में शांति और प्रगति को सुनिश्चित करने में निर्णायक भूमिका निभा रहा है.

अपने दौरे के दौरान सेना प्रमुख, इम्फाल के खुमान लम्पक स्टेडियम में डुरंड कप के 134वें संस्करण का एक मैच भी देखेंगे.दो वर्षों बाद इस प्रतिष्ठित फुटबॉल टूर्नामेंट की मणिपुर में फिर से वापसी हो रही है. मैच से पूर्व आयोजित होने वाला रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम और सैन्य प्रदर्शन न केवल मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करेगा, बल्कि भारतीय सेना के गौरव का भी प्रतीक होगा.

सेना प्रमुख स्थानीय लोकप्रिय फुटबॉल क्लबों — NEROCA FC और TRAU FC — के खिलाड़ियों और अधिकारियों से भी बातचीत करेंगे, जो ग्रुप ‘एफ’ के अहम मुकाबले में आमने-सामने होंगे. इस अवसर को विशेष बनाने के लिए थलसेना उड्डयन की एरियल डिस्प्ले, स्पेशल फोर्सेज के स्काईडाइवर्स, पाइप और सिम्फनी बैंड तथा पारंपरिक नृत्य-प्रस्तुतियां भी आयोजित की जाएंगी — जो युवा ऊर्जा, खेल भावना और राष्ट्रीय एकता का यह खेल उत्सव एक अनुकरणीय उदाहरण साबीत होगी.

निश्चित रूप से जनरल द्विवेदी का यह दौरा मणिपुर में सेना की उस निरंतर भूमिका को और सशक्त रूप प्रदान करेगा , जिसमें वह न केवल शांति स्थापना के लिए दृढ़प्रतिज्ञ है, बल्कि युवाओं को खेलों के माध्यम से जोड़ने और सैन्य-सिविल के पारदर्शी समन्वय के माध्यम से समग्र विकास को गति देने के लिए भी सतत प्रयासरत है.

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