सावन पूर्णिमा के अचूक उपाय, जिसे करते ही चांद की तरह चमकेगी किस्मत और पूरे होंगे सारे ख्वाब

सनातन परंपरा में श्रावण मास की पूर्णिमा का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है क्योंकि इस दिन देवों के देव महादेव और जगत के पालनहार भगवान श्री विष्णु के साथ आप चंद्र देवता की पूजा, जप और व्रत करके उनका आशीर्वाद पा सकते हैं. रक्षांबधन, श्रावणी समेत कई पर्वों को लिए हुए यह पावन पूर्णिमा इस साल 09 अगस्त 2025 को पड़ने जा रही है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन स्नान, दान एवं जप-तप आदि से जुड़े वो कौन से उपाय हैं, जिसे करके आप हरिहर यानि भगवान विष्णु और शिव दोनेां की कृपा पा सकते हैं, आइए उसे विस्तार से जानते हैं.

भगवान शिव की पूजा का उपाय
श्रावण पूर्णिमा भगवान शिव की कृपा बरसाने वाले सावन मास का अंतिम दिन होता है. ऐसे में यदि शिव को मनाने और उनकी कृपा पाने के लिए इस दिन विधि-विधान से उनकी पूजा एवं मंत्रों का जाप करें. हिंदू मान्यता के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन पार्थिव शिवलिंग बना कर तमाम तरह से उसका अभिषेक करने पर शिव शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं. श्रावण पूर्णिमा के दिन किए जाने वाले रुद्राभिषेक का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है.

भगवान विष्णु की पूजा का उपाय
श्रावण मास की पूर्णिमा भगवान शिव के साथ श्रीहरि यानि भगवान विष्णु की कृपा भी दिलाती है. ऐसे में इस दिन भगवान लक्ष्मीनारायण की कृपा पाने के लिए व्यक्ति को उनकी विधि-विधान से पूजा करते हुए उनका मंत्र, कथा, स्तोत्र आदि से गुणगान करना चाहिए. हिंदू मान्यता के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा पर श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने पर साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

पीपल की पूजा का उपाय
सावन महीने की पूर्णिमा के दिन पीपल देवता की सेवा और पूजा का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति पीपल देवता को मीठा जल अर्पित करता है, उस पर भगवान शिव और विष्णु के साथ धन की देवी मां लक्ष्मी की अपार कृपा बरसती है.

चंद्र देवता की पूजा का उपाय
हिंदू धर्म में किसी भी मास में पड़ने वाली पूर्णिमा का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है क्योंकि इस दिन चंद्र देवता अपनी पूर्ण कलाओं को लिए हुए होते हैं. मान्यता है कि इस दिन चंद्र देवता को दूध एवं जल से अर्घ्य देने पर कुंडली में चंद्रमा से जुड़े दोष दूर हो जाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. )