सरकार का पूंजीगत व्यय 38.8 प्रतिशत बढ़ा
नई दिल्ली, 31 जनवरी 2025। केंद्रीय वित्ता एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आर्थिक समीक्षा 2024-25 पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का मुख्यत आधारभूत क्षेत्रों में पूंजीगत व्यमय 2019-20 से 2023-24 तक बढ़कर 38.8 प्रतिशत हुआ। 2024-25 में जुलाई से नवंबर 2024 के बीच पूंजीगत व्यरय ने गति पकड़ी।
ऊर्जा क्षेत्र का नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है जो उपलब्ध2 क्षमता के साथ नवंबर 2024 तक वर्ष दर वर्ष 7.2 प्रतिशत बढ़कर 456.7 गीगावाट हो गया है। इस साल बदलाव की क्षमता ने भी गति पकड़ी है। नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ते हुए मुख्य5 रूप से बृहद स्तार पर सौर और पवन ऊर्जा की पहलों से ऊर्जा क्षेत्र में तेजी आई है। दिसंबर 2024 के अंत में देश की कुल उपलब्धत नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वर्ष दर वर्ष बढ़ते हुए 15.8 प्रतिशत पहुंच गई और 209.4 गीगावाट हो गई वर्ष 2023 में 180.8 गीगावाट हो गई।
रीवैम्पईड डिस्ट्रीटब्यूलशन सेक्टंर योजना लागू होने के साथ ही शहरी क्षेत्रों में दैनिक औसत ऊर्जा आपूर्ति वित्त वर्ष 2014 में 22.1 घंटे में सुधार के साथ वित्त वर्ष 2024 में 23.4 घंटे पहुंच गई और ग्रामीण क्षेत्रों में वित्त वर्ष 2014 में 12.5 घंटो से बढ़कर 21.9 घंटे हो गई। ऊर्जा की मांग और आपूर्ति की दूरी भी वित्त वर्ष 2014 में 4.2 प्रतिशत से घटकर दिसंबर 2024 में 0.1 रह गई।
ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे की बात करते हुए जल जीवन मिशन (जेजेएम) का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए पाइप से सुरक्षित पीने का पानी उपलब्ध1 कराते हुए लंबी अवधि के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करना है। 2019 में इसका शुभारंभ हुआ था तब केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों तक नल से पीने का पानी उपलब्ध था। इसके बाद से 12.06 करोड़ से ज्यादा परिवार इससे जुडे़ जो 26 नवंबर 2024 तक लगभग 19.34 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से कुल मिलाकर 15.30 करोड़ (79.1 प्रतिशत) से ज्यादा हो गए।