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कामकाजी महिलाओं के लिए बनाए जाएंगे 3 छात्रावास, निगम ने सरकार से मांगी टेंडर की मंजूरी

स्पेशल असिस्टेंट स्कीम के तहत राजधानी में बनेंगे कामकाजी महिला छात्रावास, केंद्र से 48 करोड़ की मंजूरी

मुख्य बिंदु

  • तेलीबांधा, टाटीबंध और अग्रसेन चौक पर बनेंगे कामकाजी महिलाओं के छात्रावास।
  • 48 करोड़ रुपये की लागत से ग्राउंड प्लस थ्री फ्लोर के बनाए जाएंगे हॉस्टल।
  • नगर निगम के प्रस्ताव को केंद्र सरकार से मंजूरी और फंड प्राप्त।

    रायपुर: राजधानी में बनने वाले तीन कामकाजी महिला छात्रावासों के लिए नगर निगम ने शासन से टेंडर की मंजूरी मांगी है। केंद्र सरकार की स्पेशल असिस्टेंट स्कीम के तहत इन छात्रावासों का निर्माण किया जाना है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 48 करोड़ रुपये का फंड जारी कर दिया है। नगर निगम ने इस परियोजना के लिए वर्ष 2024 में प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी मिल चुकी है। कार्यपालन अभियंता अंशुल शर्मा ने बताया कि शासन से अनुमति मिलते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

    निर्माण स्थल और सुविधाएं

    छात्रावासों का निर्माण तेलीबांधा, टाटीबंध और अग्रसेन चौक के पास किया जाएगा। प्रत्येक हॉस्टल की क्षमता 250 बेड की होगी और भवन ग्राउंड प्लस तीन मंजिला बनाया जाएगा। यहां महिलाओं के लिए डबल बेडरूम और अटैच टॉयलेट की सुविधा होगी। साथ ही, छात्रावास के भीतर ही मेस की सुविधा दी जाएगी, ताकि कामकाजी महिलाओं को बाहर भोजन के लिए न जाना पड़े।

    सुरक्षा और सुगमता

    इन छात्रावासों का निर्माण रिहायशी इलाकों में किया जाएगा, जिससे महिलाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक माहौल मिल सके। यह योजना उन महिलाओं के लिए फायदेमंद होगी, जो राजधानी में रोजगार की तलाश में आती हैं या पहले से काम कर रही हैं। प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी में लगभग 10 हजार महिलाएं सरकारी विभागों में कार्यरत हैं, जबकि निजी संस्थानों में काम करने वाली महिलाओं की संख्या इससे कहीं अधिक है।

    आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगे छात्रावास

    छात्रावासों के बाहरी हिस्से में कमर्शियल गतिविधियों के लिए स्थान रखा जाएगा, जिससे इनका संचालन आत्मनिर्भर तरीके से हो सके। इससे नगर निगम को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी और छात्रावासों की व्यवस्था को लंबे समय तक सुचारू रूप से चलाया जा सकेगा।

    निर्माण की समयसीमा

    नगर निगम ने इन छात्रावासों को एक साल के भीतर तैयार करने की योजना बनाई है। अधिकारियों के अनुसार, जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा, ताकि राजधानी में कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और सस्ती आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। शासन से मंजूरी मिलते ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, और चयनित स्थानों पर निर्माण कार्य प्रारंभ होगा।

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