राजनीतिमुख्य समाचार

“अहंकारी राजा की तरह…” – सीएम स्टालिन का धर्मेंद्र प्रधान पर पलटवार, NEP पर संसद में हंगामा

नई शिक्षा नीति को लेकर केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच टकराव तेज हो गया है। बजट सत्र के दूसरे चरण में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने स्टालिन सरकार पर निशाना साधा, जिसे लेकर डीएमके सांसदों ने जोरदार विरोध किया। तमिलनाडु के सीएम ने भी पलटवार करते हुए मंत्री को अहंकारी करार दिया।

संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत के साथ ही हंगामा शुरू हो गया। पहले ही दिन विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की, जिससे लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु सरकार पर निशाना साधते हुए उसे “बेईमान” कह दिया, जिससे डीएमके सांसदों ने कड़ा विरोध जताया और सदन में हंगामा किया।

स्टालिन का केंद्रीय मंत्री पर पलटवार

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने धर्मेंद्र प्रधान के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री अहंकार में बोलने वाले राजा की तरह व्यवहार कर रहे हैं और उन्होंने तमिलनाडु के लोगों का अपमान किया है। स्टालिन ने केंद्र सरकार पर तमिलनाडु को फंड न देने और राज्य के सांसदों को असभ्य कहने का आरोप लगाया।

क्या बोले शिक्षा मंत्री?

प्रश्नकाल के दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि डीएमके सरकार ने पहले पीएम श्री योजना को लागू करने पर सहमति दी थी, लेकिन बाद में मुकर गई। उन्होंने डीएमके पर छात्रों के भविष्य को बर्बाद करने और केवल भाषाई अवरोध पैदा करने का आरोप लगाया। प्रधान ने कहा, “वे (डीएमके) बेईमान हैं, वे तमिलनाडु के छात्रों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं। वे केवल राजनीति कर रहे हैं और अलोकतांत्रिक रवैया अपना रहे हैं।”

डीएमके सांसदों का जवाब

डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने शिक्षा मंत्री के दावे को झूठा बताया। उन्होंने कहा कि डीएमके सरकार ने कभी भी नई शिक्षा नीति (NEP) या तीन-भाषा नीति को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब उत्तर भारत के छात्रों को केवल एक भाषा सीखनी होती है, तो तमिलनाडु के छात्रों के लिए तीन भाषाएं क्यों अनिवार्य की जा रही हैं? मारन ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी हिंदी के खिलाफ नहीं है, लेकिन इसे अनिवार्य बनाना उचित नहीं होगा।

इस मुद्दे को लेकर संसद में जोरदार बहस हुई और तमिलनाडु बनाम केंद्र सरकार का टकराव और बढ़ गया है।

Related Articles

Back to top button