गैंगस्टर अमन साहू एनकाउंटर: रायपुर जेल में करवाए फोटोशूट की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल
झारखंड पुलिस अमन साहू को रायपुर से रांची ले जा रही थी, तभी पलामू के पास हमलावरों ने पुलिस वाहन पर हमला कर उसे छुड़ाने की कोशिश की। अमन ने भी पुलिस की राइफल छीनकर भागने का प्रयास किया, लेकिन जवाबी कार्रवाई में मारा गया।

गैंगस्टर अमन साहू एनकाउंटर: फोटोशूट और सोशल मीडिया पोस्ट पर उठे सवाल
रायपुर: झारखंड के पलामू जिले में मंगलवार को हुए एनकाउंटर में गैंगस्टर अमन साहू (अमन साव) मारा गया। उसे झारखंड पुलिस सोमवार रात 8:11 बजे रायपुर से लेकर निकली थी, लेकिन रांची पहुंचने से पहले रास्ते में यह घटना हो गई। अमन पर छत्तीसगढ़ के विभिन्न थानों में कुल पांच मामले दर्ज थे।
एनकाउंटर के बाद अमन साहू की कुछ तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जो किसी फोटोशूट जैसी लग रही हैं। इन तस्वीरों में वह बैरक के अंदर नजर आ रहा है, जबकि बाहर से गेट बंद है। बताया जा रहा है कि ये तस्वीरें उसी दिन की हैं, जब उसे जेल में लाया गया था। अमन रायपुर सेंट्रल जेल में 148 दिनों तक बंद रहा, इस दौरान उसने न केवल रील बनाई बल्कि प्रोफेशनल अंदाज में फोटोशूट भी कराया, जो अब चर्चा का विषय बन गया है।
कनाडा और मलेशिया से ऑपरेट हो रहा फेसबुक अकाउंट
एनकाउंटर के बाद अमन के गुर्गों ने उसके फेसबुक अकाउंट से पोस्ट साझा की, जो तेजी से वायरल हो रही है। इस पोस्ट में अमन साहू का समर्थन किया गया है। मारे जाने से 13 घंटे पहले उसके फेसबुक अकाउंट से एक फोटो पोस्ट की गई थी, जिसमें वह सोफे पर बैठा दिख रहा है। जानकारी के मुताबिक, उसका अकाउंट कनाडा और मलेशिया से ऑपरेट किया जा रहा था। एनकाउंटर के बाद एक वीडियो भी पोस्ट किया गया, जिससे कई सवाल उठने लगे हैं।
जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं, वे 19 अक्टूबर 2024 के बाद की बताई जा रही हैं। इनमें अमन जेल के सेल में बंद नजर आ रहा है और उसने विभिन्न पोज देकर फोटोशूट कराया है। तस्वीरों के सामने आने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि आखिर एक बंदी को जेल में फोटोशूट कराने की अनुमति कैसे मिल गई?
कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
फोटो वायरल होते ही कांग्रेस ने जेल प्रशासन और सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस का कहना है कि अगर एक गैंगस्टर को जेल में फोटोशूट करने की छूट मिली थी, तो जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
रंगदारी न देने पर करवाई थी फायरिंग
अमन साहू ने झारखंड जेल में रहते हुए अपने शूटरों को रायपुर भेजकर 13 जुलाई 2024 को तेलीबांधा थाना क्षेत्र स्थित पीआरए ग्रुप के दफ्तर के बाहर फायरिंग करवाई थी। यह हमला रंगदारी न देने के कारण हुआ था।
14 अक्टूबर को अमन को कारोबारी पर फायरिंग के मामले में रायपुर लाया गया था। उसके खिलाफ कुल छह मामले दर्ज थे, जिसके चलते उसे 148 दिनों तक रायपुर सेंट्रल जेल में रखा गया।
17 सदस्य जेल में बंद
रायपुर पुलिस ने 26 मई को अमन साहू गैंग के पांच शूटरों को वारदात से पहले गिरफ्तार कर लिया था। यह गिरफ्तारी 48 घंटे तक चले गुप्त अभियान के तहत होटल से की गई थी। इसके बावजूद अमन ने 13 जुलाई को जेल में रहते हुए पीआरए ग्रुप के बाहर फायरिंग करवाई।
इन दोनों मामलों में कुल 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। अक्टूबर में प्रोडक्शन वारंट पर अमन को रायपुर लाया गया, जहां वह सेंट्रल जेल में बंद था।
पीआरए ग्रुप का झारखंड में 800 करोड़ का ठेका और अमन गैंग की रंगदारी
झारखंड में लगभग 800 करोड़ रुपये के सड़क निर्माण का ठेका लेने वाले ठेकेदार प्रहलाद अग्रवाल से अमन साहू गैंग ने रंगदारी की मांग की थी। इस मामले में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें अमन गैंग के चार सदस्य मौजूद थे। एटीएस को इसकी जानकारी मिलते ही उन्होंने इन चारों को गिरफ्तार कर लिया। इससे अमन साहू बौखला गया और उसने रायपुर में ठेकेदार के कार्यालय के बाहर फायरिंग करवाने का आदेश दिया।
रायपुर जेल में भेजा गया था अमन साहू
रायपुर पुलिस की रिमांड पूरी होने के बाद 19 अक्टूबर को गैंगस्टर अमन साहू को न्यायिक रिमांड पर रायपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया था।
छत्तीसगढ़ में अमन साहू के आपराधिक मामले
अमन साहू छत्तीसगढ़ में कई संगीन वारदातों में शामिल रहा, जिनमें शामिल हैं:
- चार साल पहले झारखंड में बरबरीक ग्रुप के कार्यालय के बाहर फायरिंग।
- ढाई साल पहले कोरबा में इसी कंपनी के दफ्तर के बाहर पर्चा फेंककर गोलीबारी।
- रायपुर के शंकर नगर में कोयला कारोबारी के घर के बाहर गोली चलाकर धमकी देना।
- 26 मई को रायपुर में फायरिंग की साजिश, लेकिन पुलिस ने वारदात से पहले ही भाटागांव और गंज क्षेत्र से शूटरों को गिरफ्तार कर लिया।
- 13 जुलाई 2024 को रायपुर के तेलीबांधा इलाके में पीआरए ग्रुप के दफ्तर के बाहर गोली चलवाना।