
लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “मैं प्रयागराज में हुए महाकुंभ पर वक्तव्य देने के लिए उपस्थित हुआ हूं। इस ऐतिहासिक आयोजन की सफलता के लिए मैं देशवासियों को कोटि-कोटि नमन करता हूं। महाकुंभ की सफलता में सरकार, समाज और सभी कर्मयोगियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मैं उत्तर प्रदेश, विशेष रूप से प्रयागराज की जनता और देशभर से आए श्रद्धालुओं का हृदय से धन्यवाद करता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “महाकुंभ के रूप में पूरे विश्व ने भारत के विराट स्वरूप के दर्शन किए। यह आयोजन जनता जनार्दन के संकल्प और श्रद्धा से प्रेरित था। महाकुंभ ने हमारी राष्ट्रीय चेतना को जाग्रत किया और देश की सांस्कृतिक एकता को और मजबूत किया।”
पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का उल्लेख करते हुए कहा, “पिछले वर्ष राम मंदिर ने हमें यह अहसास कराया कि भारत अगले 1000 वर्षों के लिए कैसे तैयार हो रहा है। इस वर्ष महाकुंभ ने हमारी सोच को और अधिक सशक्त बनाया और देश की सामूहिक चेतना को उन्नत किया।”
उन्होंने महाकुंभ की भव्यता की तुलना गंगा अवतरण के लिए भगीरथ प्रयास से की और कहा, “जिस प्रकार गंगा को धरती पर लाने के लिए महाप्रयास हुआ था, उसी तरह महाकुंभ का आयोजन भी एक विराट प्रयास का साक्षात प्रमाण है। मैंने लाल किले से ‘सबका प्रयास’ की जो भावना प्रकट की थी, महाकुंभ उसका एक अनुपम उदाहरण है।”
अपने हालिया मॉरीशस दौरे का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “महाकुंभ के दौरान मैं त्रिवेणी संगम से पवित्र जल लाया था, जिसे मॉरीशस के गंगा तालाब में मिलाया गया। यह क्षण देखने लायक था और भारत की सांस्कृतिक विरासत की गूंज को वैश्विक स्तर पर दर्शाता है।”