‘यह सुपारी लेने जैसा है’ – कॉमेडियन कुणाल कामरा की टिप्पणी पर पहली बार बोले एकनाथ शिंदे
कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए फिल्म *दिल तो पागल है* के गाने का पैरोडी वर्जन बनाया, जिसके जरिए उन्होंने शिंदे पर तंज कसा। इस वीडियो में उन्होंने इशारों-इशारों में शिंदे को गद्दार कहने की कोशिश की। मामला तूल पकड़ने के बाद शिवसैनिकों ने स्टूडियो में तोड़फोड़ की। अब इस पूरे विवाद पर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

मुख्य बिंदु:
- शिंदे ने कहा—हम अपने काम से जवाब देने में विश्वास रखते हैं।
- बयान देते समय शिष्टाचार बनाए रखना जरूरी है।
- यह अभिव्यक्ति की आजादी नहीं, बल्कि किसी के इशारे पर किया गया कृत्य है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने पहली बार कॉमेडियन कुणाल कामरा की आपत्तिजनक टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी। शिंदे ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जरूर है, लेकिन उसकी एक सीमा भी होनी चाहिए। उन्होंने अपनी आलोचना की तुलना “सुपारी लेने” से की और कहा कि किसी के खिलाफ बोलते वक्त एक शिष्टाचार बनाए रखना जरूरी है, क्योंकि हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है।
“यह सुपारी लेने जैसा”
शिंदे ने कहा कि वे इस बात पर ध्यान नहीं देते कि कौन क्या बोलता है, क्योंकि उनका काम ही उनकी पहचान है। बीबीसी मराठी से बातचीत में उन्होंने कहा कि व्यंग्य को समझना जरूरी है, लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यह किसी के खिलाफ बोले जाने के लिए “सुपारी लेने” जैसा नहीं बनना चाहिए।
“यह अभिव्यक्ति की आजादी नहीं, बल्कि किसी के लिए काम करना है”
शिंदे ने शिवसैनिकों द्वारा स्टूडियो में तोड़फोड़ की घटना पर कहा कि हर किसी को एक निश्चित मर्यादा बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि किसी भी क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे बर्बरता का समर्थन नहीं करते, लेकिन यह भी ध्यान दिलाया कि कुणाल कामरा पहले भी सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री, पत्रकार अर्नब गोस्वामी और उद्योगपतियों पर टिप्पणी कर चुके हैं। शिंदे ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी नहीं, बल्कि किसी के लिए काम करना है।
“स्टूडियो मेरी कॉमेडी का जिम्मेदार नहीं”
उधर, कुणाल कामरा ने माफी मांगने से इनकार कर दिया और कहा कि एक मनोरंजन स्थल केवल एक मंच है, वह उनकी कॉमेडी के लिए जिम्मेदार नहीं है। स्टूडियो में तोड़फोड़ की निंदा करते हुए कामरा ने कहा कि किसी कॉमेडियन के शब्दों के लिए किसी आयोजन स्थल पर हमला करना उतना ही मूर्खतापूर्ण है, जितना कि टमाटर ले जा रहे ट्रक को पलट देना क्योंकि आपको परोसा गया बटर चिकन पसंद नहीं आया।
“मैं माफी नहीं मांगूंगा”
कामरा ने कहा कि उन्होंने जो कहा, वह वही है जो अजीत पवार ने एकनाथ शिंदे के बारे में कहा था। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी भी तरह की भीड़ या धमकी से डरने वाले नहीं हैं और न ही वे इस विवाद से बचने के लिए चुप बैठेंगे।