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हीटवेव में रहें सतर्क! ये 7 लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल जाएं, लू से बचने के लिए अपनाएं ये 7 सावधानियां

दिल्ली समेत कई राज्यों में हीटवेव का अलर्ट जारी हुआ है। बढ़ते तापमान के कारण हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। तेज धूप में कुछ समय रहना भी सेहत पर भारी पड़ सकता है। ऐसे में लू के लक्षण और बचाव के उपाय जानना बेहद जरूरी है ताकि खुद को गर्मी से सुरक्षित रखा जा सके।

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हीट स्ट्रोक से रहें सावधान: जानें लक्षण और बचाव के तरीके

गर्मियों में जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, वैसे-वैसे हीट स्ट्रोक (लू लगना) का खतरा भी बढ़ जाता है। यह एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है, जो तब होती है जब शरीर का तापमान 40°C या उससे अधिक हो जाता है और शरीर खुद को ठंडा नहीं कर पाता। हाल ही में IMD ने दिल्ली, राजस्थान, गुजरात सहित कई राज्यों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि लू से कैसे बचा जाए और इसके लक्षणों को समय रहते कैसे पहचाना जाए। सही समय पर इलाज न मिले तो हीट स्ट्रोक जानलेवा भी हो सकता है


हीट स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण

हीट स्ट्रोक के लक्षण अचानक भी आ सकते हैं और धीरे-धीरे भी विकसित हो सकते हैं। इन्हें पहचानना और तुरंत इलाज कराना जरूरी है:

  • शरीर का तापमान बढ़ना: 40°C या उससे अधिक तापमान, पसीना आना बंद हो सकता है।
  • तेज सिरदर्द और चक्कर आना: शरीर में पानी की कमी के कारण सिरदर्द, चक्कर या बेहोशी हो सकती है।
  • त्वचा का लाल और गर्म होना: त्वचा सूखी, लाल और गर्म हो जाती है। पसीना न आना खतरे का संकेत है।
  • मतली और उल्टी: अधिक गर्मी से पेट खराब हो सकता है, जिससे उल्टी या मतली महसूस हो सकती है।
  • मांसपेशियों में ऐंठन: डिहाइड्रेशन और नमक की कमी से हाथ-पैरों में ऐंठन हो सकती है।
  • तेज दिल की धड़कन: शरीर ठंडा रहने की कोशिश करता है, जिससे दिल की गति तेज हो जाती है।
  • भ्रम या बेहोशी: गंभीर स्थिति में मानसिक भ्रम या बेहोशी भी हो सकती है, जिसे नजरअंदाज न करें।

हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय

  • पर्याप्त पानी पिएं: दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ और ओआरएस भी लाभकारी हैं।
  • डिहाइड्रेशन से बचें: चाय, कॉफी और शराब जैसी चीज़ों से बचें, ये शरीर में पानी की कमी बढ़ा सकती हैं।
  • ढीले-ढाले और हल्के कपड़े पहनें: सूती कपड़े पहनें, जो शरीर को ठंडा रखें। बाहर निकलते समय टोपी, चश्मा या छाता जरूर लें।
  • धूप से बचाव करें: दोपहर 12 से 3 बजे के बीच धूप में जाने से बचें। अगर बाहर जाना हो तो छांव में चलें और बार-बार पानी पिएं।
  • ठंडी जगह पर रहें: एसी, कूलर या पंखे का इस्तेमाल करें। ठंडे पानी से नहाना या गीले कपड़े से शरीर पोंछना भी मदद करता है।
  • हल्का और संतुलित भोजन करें: ताजे फल, दही, सब्जियां और हल्का खाना खाएं। भारी, तला-भुना और मसालेदार खाना टालें।
  • सावधानी से एक्सरसाइज करें: व्यायाम सुबह या शाम को करें। पसीना आने पर पानी पिएं और शरीर को आराम दें।
  • बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें: ये सबसे ज्यादा संवेदनशील होते हैं। इन्हें धूप से दूर रखें और ठंडी जगह पर रहने दें।

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