
भाजपा ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान और डॉ. भीमराव आंबेडकर के प्रति अपनी अज्ञानता और अवमानना का परिचय दिया है। दरअसल, राहुल गांधी ने बिहार के एक कार्यक्रम में कहा था कि “संविधान हजारों साल पुराना है”, जिसमें गांधी, नेहरू, फुले, आंबेडकर, गुरु नानक और कबीर जैसे महान विचारकों की सोच शामिल है।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल गांधी ने संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉ. आंबेडकर का अपमान किया है। उन्होंने याद दिलाया कि संविधान आज़ादी के बाद डॉ. आंबेडकर के नेतृत्व में तैयार किया गया था और कांग्रेस ने हमेशा आंबेडकर को उपेक्षित किया है।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि वे बार-बार अपने “ज्ञान की प्रचुरता” से देश को चौंकाते हैं। उन्होंने बताया कि संविधान 1947 में नहीं, बल्कि 26 नवंबर 1949 को पारित हुआ था और 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ। त्रिवेदी ने यह भी जोड़ा कि पीएम मोदी ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मान्यता दी, ताकि देश के युवा संविधान के बारे में जान सकें—और राहुल गांधी उनमें से एक हैं जिन्हें अब तक इसकी जानकारी नहीं है।
भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर भी पलटवार किया, जिन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा सरदार पटेल की विरासत को हथियाने की कोशिश कर रही है। इस पर मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी पटेल को वह सम्मान नहीं दिया, जिसके वे हकदार थे। उन्होंने पटेल की बेटी मणिबेन पटेल की किताब का हवाला देते हुए कांग्रेस पर अपमान का आरोप लगाया।
भाजपा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर उनकी आत्मकथा लिखी जाए, तो उसका शीर्षक “फेल्योर टू लॉन्च” होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन बार मुख्यमंत्री और अब तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं, जबकि राहुल गांधी को यह भी ठीक से नहीं पता कि संविधान कब और कैसे बना। शेरगिल ने यह भी कहा कि राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस 55 से अधिक चुनाव हार चुकी है और 400 से ज्यादा नेता पार्टी छोड़ चुके हैं।