
रायपुर। Naxal Rehabilitation Policy 2025: छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल आत्मसमर्पण एवं पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 अब पूरे प्रदेश में लागू हो गई है। यह नीति आगामी दो वर्षों तक या किसी नई नीति के लागू होने तक प्रभावी रहेगी। गृह विभाग द्वारा 28 मार्च 2025 को अधिसूचना जारी की गई, जिसके अनुसार इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा।
समिति में पुलिस अधीक्षक को सचिव की भूमिका दी गई है, जबकि वन मंडलाधिकारी, जिला पंचायत सीईओ, कलेक्टर द्वारा नामित दो अधिकारी और सशस्त्र बलों के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल होंगे। इसके अलावा, हर जिले और उप-मंडल स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जिनका मोबाइल नंबर, ईमेल और पता राज्य सरकार को भेजा जाएगा। ये अधिकारी पुनर्वास कार्यों की निगरानी करेंगे।
120 दिनों में होगा पुनर्वास
राज्य स्तर पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित होगी। इसमें पुलिस महानिदेशक सदस्य होंगे, जबकि एडीजी, आईजी और डीआईजी (नक्सल ऑपरेशन) सदस्य सचिव होंगे। समिति में अन्य नामांकित वरिष्ठ अधिकारी भी सदस्य होंगे।
गृह विभाग ने सभी जिलों को निर्देशित किया है कि राज्य गठन से अब तक के सभी नक्सल पीड़ितों की पहचान की जाए और आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की प्रक्रिया 120 दिनों के भीतर पूरी की जाए।
नक्सलियों पर इनाम और आत्मसमर्पण प्रोत्साहन
प्रदेश में सक्रिय नक्सलियों पर उनके पद के अनुसार इनाम घोषित है। जीवित अथवा मृत रूप में पकड़े जाने पर पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को इनाम मिलेगा, वहीं आत्मसमर्पण करने पर नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी सचिव स्तर के सदस्यों पर सर्वाधिक एक-एक करोड़ रुपये का इनाम है।
नक्सल पीड़ितों को मिलने वाली सहायता:
- मृत्यु पर: सामान्य पीड़ित को ₹5 लाख, पुलिस के विशेष सहयोगी को ₹10 लाख (केंद्र की योजना के अतिरिक्त)
- गंभीर घायल/अपंग: ₹5 लाख, सामान्य घायल को ₹2 लाख, पुलिस सहयोगी को ₹8 लाख व ₹2 लाख
- चल संपत्ति का नुकसान: ₹40,000
- आवासीय क्षति: कच्चा मकान – ₹60,000, पक्का मकान – ₹1.5 लाख
- वाहन/सड़क उपकरण नुकसान: बैलगाड़ी, नाव, ट्रैक्टर-ट्रॉली, जेसीबी आदि के नुकसान पर ₹60,000 से ₹8 लाख तक सहायता
आत्मसमर्पित नक्सलियों को लाभ:
- ₹5 लाख या उससे अधिक के इनामी नक्सली को शहरी क्षेत्र में 4 डिसमिल (1742 वर्गफुट) जमीन या ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 1 हेक्टेयर कृषि भूमि
- यदि जमीन न दी जा सके तो अचल संपत्ति खरीदने के लिए ₹2 लाख की अनुदान राशि
- आत्मसमर्पण करने पर प्रति व्यक्ति ₹50,000 प्रोत्साहन राशि
- आत्मसमर्पण के तीन साल के भीतर विवाह पर ₹1 लाख का विशेष अनुदान
पीड़ितों को भूमि या नकद सहायता:
- ग्रामीण क्षेत्र में 1.5 हेक्टेयर कृषि भूमि या शहरी क्षेत्र में 4 डिसमिल आवासीय भूमि
- भूमि न होने पर ग्रामीण क्षेत्र में ₹4 लाख और शहरी क्षेत्र में ₹8 लाख की सहायता
- तीन वर्षों के भीतर कृषि भूमि खरीदने पर अधिकतम दो एकड़ जमीन पर स्टांप ड्यूटी और पंजीयन शुल्क में पूरी छूट
डिजिटल निगरानी प्रणाली:
एक विशेष पोर्टल विकसित किया जा रहा है जिसमें सभी पीड़ितों और आत्मसमर्पित नक्सलियों की जानकारी दर्ज की जाएगी। प्रत्येक व्यक्ति को यूनिक आईडी दी जाएगी। अधिकारी पोर्टल के डैशबोर्ड की नियमित निगरानी कर राहत और पुनर्वास कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करेंगे।