
रायपुर: छत्तीसगढ़ में माओवादी विरोधी अभियान ने अब पहले से कहीं अधिक गति पकड़ ली है। जहां वर्ष 2024 के अंत तक औसतन हर महीने 21 माओवादी मारे जा रहे थे, वहीं 2025 के पहले चार महीनों (जनवरी से अप्रैल) के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर 43 प्रति माह हो गया है। इस अवधि में कुल 174 हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं।
सुरक्षा बलों की सटीक रणनीति और लगातार दबाव के चलते माओवादी संगठन कमजोर होते जा रहे हैं। अब ये संगठन छोटे-छोटे समूहों में बंट रहे हैं, जिससे इनकी संरचना टूट रही है। इसका असर बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और नारायणपुर जैसे जिलों में देखने को मिल रहा है, जहां स्थानीय लोग अब प्रशासन और सुरक्षा बलों पर अधिक भरोसा जताने लगे हैं।
मानसून से पहले बड़े ऑपरेशन की तैयारी
सरकारी सूत्रों के अनुसार, जून के दूसरे सप्ताह से पहले मानसून के आगमन से पहले बीजापुर के अबूझमाड़ और नारायणपुर के माड़ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाया जाएगा। राज्य सरकार का उद्देश्य माओवादी हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति कायम कर समावेशी विकास को गति देना है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार इस दिशा में लगातार ठोस कदम उठा रही है। माओवादी प्रभाव से मुक्त कराए गए इलाकों में अब शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
माओवादी नेटवर्क पर टूट का असर
हालिया अभियानों की सफलता से संकेत मिलता है कि आने वाले समय में माओवादियों का नेटवर्क और अधिक कमजोर होगा। इसी महीने बीजापुर के कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर 21 दिनों तक चले ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने 31 माओवादियों को मार गिराया और बड़ी मात्रा में हथियार जब्त किए।