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बसवराजू कहां छिपा था? सुरक्षा एजेंसियों को अंदरूनी सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी, पूर्व नक्सली नेताओं ने किया बड़ा खुलासा

सीपीआई ने माड़ क्षेत्र के कुछ सक्रिय लोगों को बसवराजू की मौत का जिम्मेदार ठहराया; पुलिस को दी जा रही थी उसकी गतिविधियों की जानकारी। छत्तीसगढ़ पुलिस ने बसवराजू सहित सात अन्य का अंतिम संस्कार किया।

रायपुर:
नारायणपुर में माओवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के प्रमुख बसवराजू की मौत मुठभेड़ में हुई। माओवादी नेताओं ने इस घटना के लिए माड़ क्षेत्र में सक्रिय कुछ नक्सली और पीएलजीए कंपनी नंबर 7 के सदस्यों को दोषी ठहराया है। इन लोगों को बसवराजू की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था, लेकिन उन्होंने सुरक्षा में सेंध लगाई। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने 25 मई को एक बयान जारी कर कहा कि इन समझौता करने वालों की वजह से बसवराजू की मौत हुई।

छत्तीसगढ़ पुलिस ने बसवराजू सहित सात अन्य माओवादियों का अंतिम संस्कार कर दिया है। पुलिस ने बताया कि इन माओवादी मृतकों का कोई कानूनी वारिस नहीं था। वहीं, सीपीआई (माओवादी) ने पुलिस के दावे को चुनौती देते हुए माना कि इस ऑपरेशन में 27 नहीं बल्कि 28 नक्सली मारे गए हैं। साथ ही, उन्होंने पुलिस द्वारा दो माओवादियों की गलत पहचान की बात भी उठाई। हालांकि, पुलिस ने माओवादी दावे को खारिज करते हुए कहा कि बसवराजू को जिंदा पकड़ने का कोई आधार नहीं है।

पुलिस ने बसवराजू का शव उनके परिवार को सौंपने से भी इंकार किया क्योंकि उन्हें डर था कि किसी सार्वजनिक अंतिम संस्कार से नक्सली नेता की महिमा बढ़ेगी और इससे सुरक्षा को खतरा होगा। वहीं, 21 मई को डीआरजी ने मारे गए बाकी 19 माओवादियों के शव उनके परिवार को सौंप दिए थे।

दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने अपने बयान में उन नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी दोषी ठहराया जो माड़ क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए पुलिस और खुफिया एजेंसियों को लगातार बसवराजू की जानकारी देते रहे। उनका आरोप है कि इन लोगों के कारण पुलिस को ऑपरेशन में आसानी हुई।

बस्तर के आईजी पी सुंदरराज ने भी कहा कि डीआरजी के जवानों ने बसवराजू की सुरक्षा टीम को नष्ट कर उन्हें घेर लिया था, लेकिन बसवराजू को जिंदा पकड़ने और बाद में मारने के माओवादी दावे को पूरी तरह गलत बताया। उन्होंने इसे नक्सलियों का अपनी हार छिपाने का प्रयास करार दिया। उन्होंने बताया कि 35 माओवादी में से 28 मारे गए और यह साबित करता है कि पुलिस की कार्रवाई समय पर और सटीक थी।

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