रायपुरछत्तीसगढ़

570 करोड़ के घोटाले में फंसे, कोई IAS अधिकारी तो कोई पूर्व मुख्यमंत्री का करीबी अब लंबे समय बाद जेल से हो रहे रिहा

रायपुर: छत्तीसगढ़ के चर्चित कोयला लेवी और डीएमएफ घोटाला मामले में फंसे छह आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। ये रिहाई शनिवार, 31 मई को होगी। इन आरोपियों में पूर्व आईएएस अधिकारी रानू साहू और पूर्व मुख्यमंत्री की करीबी मानी जाने वाली सौम्या चौरसिया भी शामिल हैं। शुक्रवार को ही इनकी रिहाई होनी थी, लेकिन रायपुर जेल में आदेश देर से पहुंचने के कारण उन्हें एक और दिन इंतजार करना पड़ा।

सुप्रीम कोर्ट से राहत, लेकिन शर्तों के साथ

जमानत सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की डबल बेंच ने दी है। कोर्ट ने आरोपियों को छत्तीसगढ़ में रहने पर रोक लगाई है ताकि वे गवाहों को प्रभावित न कर सकें। आदेश के मुताबिक, रिहाई के एक सप्ताह के भीतर सभी आरोपियों को राज्य से बाहर अपने रहने के स्थान की जानकारी स्थानीय थाने में देनी होगी।

ये छह आरोपी होंगे रिहा

जिन प्रमुख लोगों की रिहाई हो रही है, उनमें शामिल हैं:

  • सौम्या चौरसिया
  • रानू साहू
  • समीर विश्नोई
  • रजनीकांत तिवारी
  • वीरेंद्र जायसवाल
  • संदीप नायक

सभी को निर्देश दिया गया है कि वे रिहाई के तुरंत बाद अपना पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा करें और जांच में पूरा सहयोग करें।

570 करोड़ के घोटाले का मामला

इस घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही है। आरोप है कि कोयला परिवहन, परमिट प्रक्रिया और अन्य तरीकों से करीब 570 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की गई। मामले में अब तक 36 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है। माना जाता है कि इस घोटाले का मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी है।

हाई प्रोफाइल नाम शामिल

इस केस में कुछ आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी रहे हैं, जबकि कुछ अधिकारी उच्च प्रशासनिक पदों पर कार्यरत रह चुके हैं। सौम्या चौरसिया को पूर्व सीएम का विश्वसनीय सहयोगी माना जाता है, जबकि रानू साहू एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रही हैं।

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