मनोरंजन

दर्शकों के दिलों में बसे ‘महावतार नरसिम्हा’: तोड़ दिए सारे रिकार्ड्स…

मुंबई । भारतीय सिनेमा में एक नया अध्याय जुड़ गया है। क्लीम प्रोडक्शंस की मेगा एनिमेटेड फिल्म ‘महावतार नरसिम्हा’ ने दर्शकों के दिलों में ऐसी जगह बनाई है कि IMDb और BookMyShow जैसे प्लेटफॉर्म्स पर रेटिंग्स के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं। 9.8/10 IMDb पर और BookMyShow पर भी 9.8/10 की रेटिंग के साथ, यह फिल्म भारत की अब तक की सबसे अधिक रेटिंग पाने वाली एनिमेशन फिल्म बन गई है।

पहली बार दर्शकों ने एनिमेशन फिल्म को बनाया मेगा हिट

होम्बले फिल्म्स द्वारा प्रस्तुत और अश्विन कुमार के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने भारतीय माइथोलॉजी को आधुनिक विजुअल्स और तकनीक के साथ पेश कर एक नई दिशा दी है। यह केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और भक्ति का भव्य संगम है, जिसे देशभर के सिनेमाघरों में भारी संख्या में लोग देख रहे हैं।

नज़ारा, श्रद्धा और टेक्नोलॉजी — सबका मेल
फिल्म की कहानी, दमदार संगीत, 3D विजुअल्स और जबरदस्त निर्देशन ने इसे थिएटर में देखने लायक अनुभव बना दिया है। पांच भारतीय भाषाओं में रिलीज़ इस फिल्म ने न सिर्फ एनीमेशन की परिभाषा को बदला है, बल्कि भारत में माइथोलॉजिकल यूनिवर्स के लिए रास्ता भी खोल दिया है।

10 फिल्मों की महागाथा की शुरुआत
‘महावतार नरसिम्हा’ से शुरू हुई यह यात्रा अगले एक दशक में भगवान विष्णु के 10 अवतारों को बड़े पर्दे पर लाने जा रही है। घोषित फ्रेंचाइज़ी इस प्रकार है:
    महावतार नरसिम्हा (2025)
    महावतार परशुराम (2027)
    महावतार रघुनंदन (2029)
    महावतार द्वारकाधीश (2031)
    महावतार गोकुलानंद (2033)
    महावतार कल्कि पार्ट 1 (2035)
    महावतार कल्कि पार्ट 2 (2037)

प्रोडक्शन टीम ने रचा इतिहास
फिल्म को शिल्पा धवन, कुशल देसाई और चैतन्य देसाई ने क्लीम प्रोडक्शंस के बैनर तले प्रोड्यूस किया है। होम्बले फिल्म्स के साथ की गई साझेदारी ने इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय स्तर का सिनेमाई चमत्कार बना दिया है।

जनता का फैसला: यह सिर्फ फिल्म नहीं, एक अनुभव है
Google पर भी फिल्म को 5/5 की रेटिंग मिली है। दर्शकों का कहना है कि “यह फिल्म सिर्फ देखी नहीं जाती, इसे महसूस किया जाता है।” धार्मिक श्रद्धा, ग्राफिक एलिगेंस और टेक्निकल उत्कृष्टता ने मिलकर इसे भारतीय एनीमेशन की पहचान बना दिया है।

‘महावतार नरसिम्हा’ अब केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और तकनीकी क्रांति बन चुकी है — और इसकी गूंज आने वाले वर्षों तक बनी रहेगी।

Related Articles

Back to top button