कृषि सलाह: किसान इन 5 उड़द की वैरायटी की करें खेती, कम समय में मिलेगा अधिक उत्पादन!
रबी सीजन की फसल कटने के बाद किसान गर्मी में उड़द की बुवाई कर सकते हैं। इन दिनों उड़द की 5 वैरायटी बेहद लोकप्रिय हैं, जो कम समय में तैयार होकर किसानों को अतिरिक्त लाभ दिला सकती हैं।

गर्मी में उड़द की खेती से पाएं अतिरिक्त आमदनी
रबी फसलों की कटाई के बाद किसान गर्मी के मौसम में उड़द की बुवाई कर सकते हैं, जिससे खेत खाली नहीं रहेंगे और अतिरिक्त आमदनी का अवसर मिलेगा। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, उड़द की बुवाई जितनी जल्दी होगी, उतना ही बेहतर रहेगा। इसकी खेती में लागत भी कम आती है, क्योंकि प्रति हेक्टेयर केवल 25 किलो बीज की आवश्यकता होती है, और उत्पादन 12-15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकता है।
बीज उपचार जरूरी
फसल को फफूंदजनित बीमारियों से बचाने के लिए बीज उपचार करना आवश्यक है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. आशीष त्रिपाठी के अनुसार, बुवाई से पहले बीजों को ईमिडाक्लोप्रिड 48% या थायमिथोक्साम 70% में से किसी एक कीटनाशक से उपचारित करने से सफेद मक्खी के प्रकोप से बचा जा सकता है।
उड़द की उच्च उत्पादकता वाली किस्में
- इंदिरा उड़द प्रथम – यह वैरायटी 70-75 दिनों में तैयार होती है और प्रति हेक्टेयर 12-13 क्विंटल तक उत्पादन देती है।
- केयू 96-3 – इस किस्म की फसल 73 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और उत्पादन 8-10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है।
- शेखर 3 (केयू 309) – यह किस्म 66-84 दिनों में पकती है और प्रति हेक्टेयर 10 क्विंटल उत्पादन देती है।
- प्रताप उड़ई-1 – लगभग 75 दिनों में फसल तैयार होती है और उत्पादन 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक होता है।
- IPU 02-43 – इस किस्म से ढाई महीने में 11 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त की जा सकती है।
अन्य अच्छी वैरायटी
- IPU 94-1 – फसल 80-85 दिनों में तैयार होती है और उत्पादन 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है।
- BM-4 – यह मात्र 65 दिनों में तैयार होती है और 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है।
गर्मी के मौसम में उड़द की इन बेहतरीन किस्मों की खेती कर किसान अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।