
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू का एनकाउंटर हो गया। सोमवार को झारखंड पुलिस की टीम उसे जेल से लेकर निकली थी, लेकिन झारखंड के पलामू में पुलिस के साथ मुठभेड़ में वह मारा गया। अमन साहू को लॉरेंस बिश्नोई का करीबी माना जाता था। बताया जा रहा है कि अमन ने पुलिस से बंदूक लूटकर भागने की कोशिश की, जिस पर जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे ढेर कर दिया।
पुलिस से छीनी राइफल, फिर हुआ एनकाउंटर
अमन साहू पर 200 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे। झारखंड पुलिस जब उसे लेकर जा रही थी, तभी उसने एक एसटीएस जवान की इंसास राइफल छीन ली और भागने की कोशिश में गोली चला दी, जिससे जवान घायल हो गया। इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की और अमन साहू को मौके पर ही ढेर कर दिया।
एनकाउंटर से पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट
अमन साहू सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय था, और उसके अकाउंट विदेशों से संचालित होते थे। हैरानी की बात यह है कि एनकाउंटर से करीब 15 घंटे पहले उसने अपनी एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें वह बड़े सोफे पर टशन में बैठा नजर आ रहा था।
अमन साहू की आपराधिक पृष्ठभूमि
अक्टूबर 2024 में रायपुर पुलिस ने दो मामलों में जांच के लिए अमन साहू को ट्रांजिट रिमांड पर लिया था। डकैती की योजना और कोल कारोबारी के दफ्तर में हवाई फायरिंग के मामलों में उसकी गिरफ्तारी हुई थी। झारखंड में उसके खिलाफ 200 से अधिक केस दर्ज थे।
कौन था अमन साहू?
अमन साहू झारखंड के रांची जिले के मतबे गांव का रहने वाला था। वह पहले माओवादी संगठन से जुड़ा था, लेकिन 2013 में अपना गैंग बना लिया। करीब ढाई साल पहले कोरबा में उसके गैंग के शूटरों ने बरबरीक ग्रुप पर हमला किया था और रायपुर में कई कारोबारियों को धमकी दी थी। बताया जाता है कि उसकी हिट लिस्ट में कई बड़े व्यापारी शामिल थे। इसी वजह से पुलिस लंबे समय से उसके पीछे थी और आखिरकार उसे एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया।