रायपुरछत्तीसगढ़

चिंता बढ़ी: गर्मी शुरू होते ही छत्तीसगढ़ में सूखने लगे बांध, जल स्तर 38% तक घटा

प्रदेश के 12 बड़े और 34 मध्यम बांध सूखने की कगार पर, कम बारिश के कारण जलस्तर घटा, पेयजल संकट की आशंका।

मुख्य बिंदु:

  • प्रदेश में 12 बड़े और 34 मध्यम स्तर के बांध सूखने की कगार पर।
  • गंगरेल बांध में जलभराव घटकर 58.59% रह गया।
  • आगामी दिनों में पेयजल संकट गहराने की आशंका।

    गर्मी की शुरुआत में ही सूखने लगे बांध, पेयजल संकट की आशंका

    रायपुर। प्रदेश में गर्मी के शुरुआती दौर में ही बांधों का जल स्तर तेजी से घटने लगा है। वर्ष 2023 और 2024 की तुलना में इस साल बड़े बांधों में 20 से 38 प्रतिशत तक कम जलभराव दर्ज किया गया है, जबकि छोटे बांध सूखने के कगार पर हैं। इससे आगामी दिनों में निस्तारी और पेयजल संकट गहराने की आशंका है।

    राज्य सरकार ने संभावित पेयजल संकट से निपटने के लिए कार्ययोजना बनाकर तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश में कुल 12 बड़े और 34 मध्यम स्तर के बांध हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर और जनवरी में अपेक्षित बारिश न होने के कारण जलाशयों में पानी की यह कमी आई है।

    कम बारिश और जर्जर बांध बने संकट की वजह

    बांधों में जल प्रवाह मुख्य रूप से नदियों और जलाशयों से आता है, लेकिन इस साल बारिश कम होने से जल स्तर गिरा हुआ है। कुछ बांधों की जर्जर स्थिति भी जल संग्रहण में बाधा बन रही है।

    • गंगरेल (रविशंकर सागर) बांध में इस समय केवल 58.59% जलभराव है, जबकि 2024 में यह 77.93% था।
    • मिनी माता बांगो बांध में जलभराव 27.53% घट गया है।
    • मुरुमसिल्ली बांध में इस बार 38% कम जलभराव दर्ज हुआ है। हालांकि, 2023 की तुलना में स्थिति बेहतर है, क्योंकि तब यहां सिर्फ 10.30% जल था।

    कोडार जलाशय की स्थिति सबसे गंभीर

    महासमुंद का कोडार जलाशय जल संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां जल स्तर मात्र 19.87% रह गया है, जबकि 2024 में यह 31.99% था। दूसरी ओर, मुंगेली के मनियारी जलाशय में जलभराव की स्थिति बेहतर हुई है, जो 54.68% से बढ़कर 67.87% हो गया है।

    प्रदेश के 46 प्रमुख बांधों की जलभराव स्थिति (17 मार्च 2025 तक)

    • 2025 – 48.90%
    • 2024 – 61.86%
    • 2023 – 68.53%

    कुछ बड़े बांधों की जलभराव स्थिति (प्रतिशत में)

    बांध 2025 2024 2023
    मिनीमाता बांगो 45.58 60.60 73.11
    रविशंकर सागर 58.59 77.93 84.21
    तांदुला 49.07 41.32 78.22
    दुधावा 49.81 81.16 18.68
    सिकासार 47.32 68.33 68.53
    खारंग 59.28 65.69 91.19
    सोंढुर 63.16 74.87 39.65
    मुरुमसिल्ली 33.75 72.56 10.30
    कोडार 19.87 31.99 33.21
    मनियारी 67.87 54.68 93.97
    केलो 45.62 70.59 78.82
    अरपा-भैसाझार 54.48 72.26 42.42

    विधानसभा में भी उठा पेयजल संकट का मुद्दा

    विधानसभा में भाजपा विधायक धमारजीत सिंह ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए जल संकट का मुद्दा उठाया। पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने इस पर अपने सुझाव दिए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने इसे गंभीर विषय मानते हुए मुख्यमंत्री से उच्च स्तरीय बैठक बुलाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कलेक्टर अपने क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सप्ताहभर में कार्ययोजना तैयार करें।

    मुख्यमंत्री विश्नुदेव साय ने इस पर सहमति जताते हुए सोमवार को पेयजल संकट से निपटने के लिए बैठक आयोजित की।

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