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नक्सलवाद के अंत में हमने अंतिम कील ठोंकी है… विष्णु देव साय ने क्यों कही यह अहम बात?

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, सुरक्षाबलों द्वारा माओवादी नेता बसवराजू की मौत नक्सलवाद के खात्मे की आखिरी कील है; सरकार ने बंदूक और बातचीत एक साथ चलने से इंकार किया।

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बृहस्पतिवार को बताया कि सुरक्षाबलों द्वारा शीर्ष माओवादी नेता नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू को मार गिराने के साथ ही सरकार ने नक्सलवाद के ताबूत में अंतिम कील ठोक दी है। बसवराजू, जो प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव और पोलित ब्यूरो के सदस्य थे, बुधवार को नारायणपुर और बीजापुर जिलों की सीमा पर अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षाबलों द्वारा मारे गए 27 नक्सलियों में शामिल थे।

साय ने कहा, “तीन दशकों में पहली बार महासचिव स्तर का कोई माओवादी मारा गया है। यह असाधारण सफलता नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक बड़ा कदम है।” उन्होंने बताया कि माओवादी संगठन की रीढ़ मानी जाने वाली बसवराजू को इस ऑपरेशन में ढेर किया गया है। उन पर सवा तीन करोड़ रुपये का इनाम था, जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये, केंद्रीय गृह मंत्रालय से एक करोड़ रुपये, एनआईए से 50 लाख रुपये, आंध्र प्रदेश और ओडिशा सरकार से 25-25 लाख रुपये शामिल थे।

मुख्यमंत्री ने कहा, “इस बड़ी कामयाबी से नक्सलवाद की रीढ़ कमजोर हुई है। हमारी सुरक्षा बलों के जवानों के साहस और शौर्य को सलाम है, जिनका हौसला अब चरम पर है और नक्सलियों की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।”

नक्सलियों से बातचीत को लेकर साय ने स्पष्ट किया कि “बंदूक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती। नक्सलवाद ने भोले-भाले आदिवासी लोगों का जीवन बर्बाद किया है। आज बस्तर का हर व्यक्ति विकास चाहता है। हमारी सरकार की नीति रही है कि गोली का जवाब गोली से और बोली का जवाब बोली से दिया जाएगा।”

उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ साल में सरकार ने 400 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है और 1422 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है।

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