
बिलासपुर: सरकारी मुआवजा हासिल करने के लिए परिजन किस हद तक जा सकते हैं, इसका चौंकाने वाला मामला बिलासपुर में सामने आया है। यहां एक मृतक के परिवार ने सामान्य बीमारी से हुई मौत को सांप के काटने की घटना बताकर तीन लाख रुपये का मुआवजा हासिल किया। मामले का खुलासा होने पर बिल्हा पुलिस ने दोबारा जांच शुरू की और शनिवार को कब्र से शव निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम कराया।
पोड़ी गांव का मामला, झूठी कहानी से मिला मुआवजा
बिल्हा थाना क्षेत्र के पोड़ी गांव निवासी शिवकुमार घृतलहरे (36) की मौत को लेकर यह कार्रवाई की गई है। शुरुआत में परिजनों ने दावा किया कि शिवकुमार की मौत सांप के काटने से हुई थी। इसी आधार पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की गई और शासन से तीन लाख रुपये का मुआवजा प्राप्त किया गया। लेकिन पुलिस जांच में पता चला कि मृतक के शरीर पर कहीं भी सांप के काटने का निशान नहीं था।
शराब और ज़हर बना मौत की वजह
12 नवंबर 2023 को शिवकुमार को उल्टी और मुंह से झाग आने की शिकायत पर बिल्हा सीएचसी लाया गया था। तबीयत बिगड़ने पर उसे सिम्स रेफर किया गया, जहां 14 नवंबर को उसकी मौत हो गई। जांच में सामने आया कि मौत का कारण शराब और जहरीले पदार्थ का सेवन था। इसके बावजूद परिजनों ने झूठा बयान देकर सांप काटने की बात कही, जिससे उन्हें सरकारी मुआवजा मिल सके।
कब्र खोदकर दोबारा पोस्टमार्टम, कई लोगों पर FIR
पुलिस ने शनिवार को तहसीलदार की उपस्थिति में शव को कब्र से निकालकर सिम्स में दोबारा पोस्टमार्टम कराया। पूछताछ में मृतक के परिजनों ने स्वीकार किया कि वकील कामता प्रसाद साहू की सलाह पर उन्होंने मुआवजा पाने के लिए झूठ बोला। इस साजिश में मृतक के पिता पराग दास, भाई हेमंत कुमार, पत्नी नीता और पोस्टमार्टम करने वाली डॉक्टर प्रियंका सोनी भी शामिल हैं। सभी पर धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज किया गया है और मामले की जांच जारी है।
विधानसभा में उठा था मामला, कई केस की हो रही जांच
यह पहला मामला नहीं है। जिले में इस तरह के कई मामलों का पहले भी खुलासा हो चुका है, जिनमें सामान्य बीमारी से मौत को सांप काटने का मामला बनाकर मुआवजा लिया गया। विधानसभा में भी इन मामलों को लेकर बहस हुई थी। इसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस ने व्यापक जांच शुरू की थी। जांच में कई डॉक्टरों और स्टाफ की मिलीभगत सामने आई है। पुलिस अब सभी संबंधितों के बयान दर्ज कर सच्चाई की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।