वक्फ बिल के विरोध में प्रस्ताव, भाजपा ने कर्नाटक सरकार पर अतिक्रमण संरक्षण का आरोप
भाजपा नेता विजयेंद्र ने कर्नाटक सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने जबरन वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब मोदी सरकार वक्फ में पारदर्शिता लाना चाहती है, तब सिद्दारमैया सरकार जमीन माफियाओं को संरक्षण दे रही है।

- भाजपा का आरोप: कर्नाटक सरकार ने जबरन बिल पारित कराया।
- भाजपा ने कहा: जनता के सामने सरकार के घोटालों का खुलासा करेंगे।
कर्नाटक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने विधानसभा में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ पारित प्रस्ताव को अतिक्रमण संरक्षण का प्रयास बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की सरकार ने जबरन इस प्रस्ताव को पारित कराया है।
भाजपा का आरोप: सरकार जमीन माफियाओं की रक्षा कर रही
भाजपा नेता विजयेंद्र ने गुरुवार को कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वक्फ में पारदर्शिता लाना चाहते हैं, तो सिद्दरमैया सरकार जमीन माफियाओं की सुरक्षा कर रही है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर अवैध रूप से जमीन हड़पने का भी आरोप लगाया।
भाजपा करेगी घोटालों का पर्दाफाश
विजयेंद्र ने कहा कि भाजपा जनता के सामने इन घोटालों का खुलासा करेगी। उन्होंने अल्पसंख्यकों को चार प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले की आलोचना करते हुए इसे तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया। इससे पहले, 19 मार्च को कर्नाटक के विपक्ष के नेता आर. अशोक ने भी इस प्रस्ताव पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। यह प्रस्ताव कर्नाटक के कानून मंत्री एच.के. पाटिल ने विधानसभा में पेश किया था।
कैबिनेट ने वक्फ बिल संशोधनों को दी मंजूरी
कैबिनेट ने वक्फ (संशोधन) विधेयक में प्रस्तावित बदलावों को मंजूरी दे दी है। इनमें संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा सुझाए गए संशोधन भी शामिल हैं। इस विधेयक को बजट सत्र के दूसरे भाग में संसद में पेश किया जाएगा, जो 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, इसी सत्र में विधेयक के पारित होने की संभावना है।
संशोधन प्रस्ताव: 44 बदलावों की सिफारिश
सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट ने 19 फरवरी को हुई बैठक में संयुक्त संसदीय समिति द्वारा सुझाए गए 14 संशोधनों को स्वीकार कर लिया। वक्फ (संशोधन) विधेयक में केंद्र और राज्य वक्फ बोर्डों से संबंधित कानूनों में 44 बदलाव प्रस्तावित हैं।
जेपीसी की रिपोर्ट और विपक्ष का विरोध
जेपीसी ने 30 जनवरी को अपनी 655 पेज की रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दी थी, जिसमें वक्फ बिल में कई संशोधनों की सिफारिश की गई थी। हालांकि, विपक्षी दलों ने इन संशोधनों पर अपनी असहमति जताई और हंगामे के बीच 13 फरवरी को यह रिपोर्ट संसद में पेश की गई थी।