
रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कस दिया है। सोमवार को ईडी की टीम ने भूपेश बघेल और उनके बेटे के 10 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ी हुई है। गौरतलब है कि इस घोटाले में पहले ही प्रदेश के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा जेल में हैं, जबकि कई अधिकारियों और कारोबारियों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
ईडी की जांच के दौरान चैतन्य बघेल का नाम सामने आया था। इससे पहले भी उन्हें भिलाई के एक प्रोफेसर से मारपीट के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था और उनका फोन जब्त किया गया था। अब उनके घर पर ईडी की कार्रवाई के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है।
कौन हैं चैतन्य बघेल?
चैतन्य बघेल छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे हैं और उन्हें बिट्टू के नाम से भी जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चैतन्य रियल एस्टेट बिजनेस से जुड़े हुए हैं और ‘विक्टर पुरम’ नाम से लग्जरी अपार्टमेंट बनाकर बेचते हैं। बताया जाता है कि वे करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं।
शराब घोटाले में कैसे आया नाम?
सूत्रों के मुताबिक, ईडी को जांच के दौरान कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिनका सीधा संबंध चैतन्य बघेल से बताया जा रहा है। इन्हीं सबूतों के आधार पर उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई।
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?
ईडी के मुताबिक, 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में एक बड़े शराब घोटाले को अंजाम दिया गया। शराब सिंडिकेट ने राज्य के खजाने से करीब 2161 करोड़ रुपये का घोटाला किया। ईडी ने 2023 में इस मामले में शिकायत दर्ज की थी, जिसमें रायपुर के पूर्व मेयर एजाज ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा और छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अरुणपति त्रिपाठी सहित कई लोगों के नाम शामिल थे। एजेंसी का दावा है कि इन्हीं लोगों ने घोटाले में अहम भूमिका निभाई।