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छत्तीसगढ़: 211 स्कूल बिना छात्रों के संचालित, अब होंगे शिक्षक तबादले, हड़ताल की तैयारी तेज

छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि राज्य में 211 स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी छात्र नामांकित नहीं है, जबकि दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूल शिक्षक विहीन हैं। इस असंतुलन को दूर करने के लिए विभाग ने शिक्षकों के तबादले का फैसला लिया है, जिसके विरोध में शिक्षक मंच हड़ताल की तैयारी कर रहा है।

रायपुर: छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था की खामियां लगातार सामने आ रही हैं, और हाल ही में शिक्षा विभाग की ओर से जारी एक रिपोर्ट ने फिर से इन कमियों को उजागर कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के 211 शासकीय विद्यालय ऐसे हैं जहां एक भी छात्र नहीं है, जबकि वहां शिक्षक पदस्थ हैं। दूसरी ओर, दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, जिससे छात्रों की पढ़ाई और परीक्षा परिणाम प्रभावित हो रहे हैं।

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे स्कूलों की प्रासंगिकता समाप्त हो चुकी है, और वहां पदस्थ शिक्षकों को तत्काल उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां उनकी आवश्यकता है। राज्य सरकार ने शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है।

शिक्षकों की कमी और खराब परिणाम

शिक्षा विभाग की समीक्षा रिपोर्ट में सरकारी स्कूलों में संसाधनों के असमान वितरण को गंभीर समस्या के रूप में पहचाना गया है। उदाहरण के तौर पर, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुंवारपुर में विषयवार शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण वर्ष 2024-25 में कक्षा 12वीं का परिणाम केवल 40.68% रहा, जो राज्य औसत से काफी कम है।

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम समयानुकूल है और यदि इसे पारदर्शी व डेटा-आधारित पद्धति से लागू किया गया तो छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था देश के लिए एक उदाहरण बन सकती है। रायपुर जिले में कुल 389 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण प्रस्तावित है, जो शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के समक्ष उठी मांग

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कुंवारपुर दौरे के दौरान ग्रामीणों ने शिक्षकों की नियुक्ति की मांग उठाई। उन्होंने बताया कि वर्षों से विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों के शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि जहां शिक्षक बेवजह पदस्थ हैं, वहां से हटाकर उन्हें उन स्कूलों में भेजा जाए जहां छात्रों की जरूरत है।

शिक्षकों की हड़ताल की चेतावनी

शिक्षा विभाग के इस निर्णय का विरोध भी शुरू हो गया है। शिक्षक साझा मंच ने विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी से इस विषय पर चर्चा की, लेकिन बैठक बेनतीजा रही। इसके बाद मंच ने प्रदेशभर में संभागवार विरोध प्रदर्शन और अनिश्चितकालीन हड़ताल की योजना बनाई है। तय कार्यक्रम के अनुसार:

  • 31 मई: रायपुर संभाग
  • 1 जून: दुर्ग संभाग
  • 2 जून: बिलासपुर संभाग
  • 3 जून: बस्तर संभाग
  • 4 जून: सरगुजा संभाग

मंच के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने बताया कि शिक्षकों से मिले फीडबैक के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। उनका कहना है कि प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्कूलों से एक-एक पद हटाया जा रहा है, जिससे शिक्षकों में असंतोष फैल रहा है।

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