छत्तीसगढ़ जीएसटी राजस्व वृद्धि दर में देश का अग्रणी राज्य बना।
राज्यभर में उन 36,847 व्यापारियों से संपर्क किया गया, जिन्होंने या तो शून्य रिटर्न दाखिल किया था या अपने व्यवसाय में नकारात्मक वृद्धि दर्शाई थी, जिससे कर अनुपालन में वृद्धि सुनिश्चित हुई। इन ठोस और तकनीक-आधारित उपायों का सीधा प्रभाव यह रहा कि छत्तीसगढ़ आज जीएसटी वृद्धि में देश में शीर्ष स्थान पर है।

छत्तीसगढ़ ने जीएसटी राजस्व वृद्धि में देशभर में पहला स्थान हासिल किया
रायपुर, 2 अप्रैल 2025 – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने कुल ₹16,390 करोड़ का जीएसटी राजस्व संग्रह किया, जो 18% की वार्षिक वृद्धि के साथ देशभर में सर्वाधिक है। इस उपलब्धि ने छत्तीसगढ़ को जीएसटी राजस्व वृद्धि में पूरे देश में प्रथम स्थान पर स्थापित किया। महाराष्ट्र 16% और तमिलनाडु 15% की वृद्धि दर के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
पहली बार मासिक जीएसटी संग्रह ₹2000 करोड़ के पार
मार्च 2025 में छत्तीसगढ़ का कुल जीएसटी संग्रह ₹2,057.82 करोड़ रहा, जो मार्च 2024 के ₹1,443.66 करोड़ की तुलना में 43% की प्रभावशाली वृद्धि दर्शाता है। इस दौरान SGST मद में ₹1,301.09 करोड़ की प्राप्ति हुई, जो कि मार्च 2024 की तुलना में 72% अधिक है। पहली बार राज्य ने SGST संग्रह में ₹1000 करोड़ का आंकड़ा पार किया। इसी अवधि में IGST मद में ₹756.73 करोड़ प्राप्त हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10% अधिक है। जीएसटी लागू होने के बाद यह पहली बार है जब छत्तीसगढ़ ने किसी एक महीने में कुल जीएसटी संग्रह ₹2000 करोड़ के पार पहुंचाया है।
प्रशासनिक सुधारों और तकनीकी नवाचारों से ऐतिहासिक सफलता
यह उपलब्धि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी के मार्गदर्शन में किए गए व्यापक सुधारों, तकनीकी नवाचारों और सख्त निगरानी प्रणाली का परिणाम है। जीएसटी प्रशासन को अधिक पारदर्शी और परिणामोन्मुख बनाने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं।
- नॉन-फाइलर्स पर नियंत्रण: कर अनुपालन बढ़ाने के लिए रिटर्न दाखिल न करने वाले व्यापारियों पर सख्त निगरानी रखी गई, जिससे नॉन-फाइलर्स की संख्या 15% से घटकर मात्र 6% रह गई।
- फर्जी पंजीकरण की जांच: 28,000 से अधिक व्यवसायों का भौतिक सत्यापन किया गया, जिसमें से 4,252 फर्में (करीब 15%) फर्जी पाई गईं। इससे कर अपवंचन पर प्रभावी अंकुश लगा।
- डेटा एनालिटिक्स आधारित कार्रवाई: वर्षभर में डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से 313 मामलों में लेखा पुस्तकों की जांच कर ₹45.13 करोड़ की वसूली की गई, जबकि 77 प्रतिष्ठानों की तलाशी/निरीक्षण से ₹47.35 करोड़ की अतिरिक्त वसूली हुई।
- सेक्टर विश्लेषण और समन्वय: जीएसटी विभाग ने 49 संभावित कर अपवंचन क्षेत्रों की पहचान कर ₹101 करोड़ का राजस्व अर्जित किया।
- सरकारी विभागों से बेहतर अनुपालन: मार्च 2025 में किए गए प्रयासों से शासकीय विभागों के सप्लायर्स से ₹37 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व एकत्रित किया गया।
भविष्य के लिए डिजिटल और एआई-आधारित रणनीति
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी के नेतृत्व में जीएसटी विभाग अब डिजिटल ट्रैकिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित निगरानी प्रणाली और उन्नत अनुपालन तंत्र लागू करने की दिशा में कार्य कर रहा है। ये कदम आने वाले वर्षों में भी छत्तीसगढ़ को देश में जीएसटी राजस्व वृद्धि में अग्रणी बनाए रखने के लिए उठाए जा रहे हैं।