सुविधा विस्तार: नए सिरे से जारी होगा डायल-112 का टेंडर, 33 जिलों में सेवा विस्तार की योजना
डायल-112 की सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने मुख्यालय पहुंचकर सिस्टम की समीक्षा की। इसे आवश्यक सेवा में शामिल किए जाने के बाद इसकी गुणवत्ता सुधारने पर जोर दिया जा रहा है।

मुख्य बिंदु:
- वर्तमान में डायल-112 सेवा का संचालन टाटा ग्रुप कर रहा है।
- कंपनी का कार्यकाल दो साल पहले, अगस्त में समाप्त हो चुका है।
- DGP अरुण देव गौतम ने डायल-112 मुख्यालय पहुंचकर सिस्टम की समीक्षा की।
डायल-112 सेवा का विस्तार और सुधार की तैयारी
रायपुर। राज्य में 11 पुराने जिलों के साथ-साथ 5 नए जिलों में वर्तमान में डायल-112 सेवा संचालित की जा रही है। अब इस सेवा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नए सिरे से टेंडर जारी करने की योजना बनाई जा रही है। पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने डायल-112 मुख्यालय पहुंचकर सिस्टम की समीक्षा की और इसे और बेहतर बनाने के उपायों पर चर्चा की।
सेवा संचालन और टेंडर प्रक्रिया
वर्तमान में डायल-112 सेवा का संचालन टाटा ग्रुप कर रहा है, जिसका कार्यकाल दो साल पहले अगस्त में समाप्त हो चुका था। हालांकि, अब तक किसी नई कंपनी को सेवा संचालन की जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है, जिसके चलते टाटा ग्रुप ही इसे चला रहा है। इस दौरान सेवा में लगे कई वाहन जर्जर हो चुके हैं। नई कंपनी के आने के बाद डायल-112 सेवा में सुधार की उम्मीद है।
सभी 33 जिलों में विस्तार की योजना
फिलहाल डायल-112 सेवा रायपुर, महासमुंद, दुर्ग, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, कबीरधाम, राजनांदगांव सहित 11 पुराने जिलों और बलौदाबाजार, सारंगढ़-बिलाईगढ़, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, मोहला-मानपुर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जैसे नए जिलों में संचालित हो रही है। अब इस सेवा का विस्तार सभी 33 जिलों में करने की योजना है।
सिस्टम को किया जाएगा अपडेट
डायल-112 अब आवश्यक सेवाओं में शामिल हो चुकी है। इसे ध्यान में रखते हुए डीजीपी अरुण देव गौतम ने सेवा की गुणवत्ता सुधारने और सिस्टम को अपडेट करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक मुख्यालय से फोन के जरिए गाड़ियों की निगरानी होती थी, लेकिन अब अफसर अपने मोबाइल से ही गाड़ियों की मानिटरिंग कर सकें, इसके लिए सिस्टम को विकसित किया जाएगा।
विवादित कंपनी के कारण टेंडर रद्द
टाटा ग्रुप का कार्यकाल समाप्त होने के बाद एक साल पहले मुंबई की जिकित्जा ग्रुप को टेंडर देने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन कंपनी के विवादों में आने के कारण यह टेंडर रद्द कर दिया गया। अब जल्द ही नए सिरे से टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
अग्निशमन सेवा को डायल-112 से जोड़ा जाएगा
राज्य के सभी जिलों में संचालित अग्निशमन सेवाओं को डायल-112 सिस्टम से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल आग लगने की घटना की जानकारी डायल-112 को मिलती है, और फिर यह फायर ब्रिगेड को कॉल कर सूचित करता है। जब अग्निशमन सेवा सीधे डायल-112 से जुड़ जाएगी, तो आग लगने की सूचना स्वतः प्राप्त होगी और जरूरत पड़ने पर त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी।