बिहार में कितनी सीटें जीतेगा एनडीए? अमित शाह ने दिया खास टास्क, महाराष्ट्र मॉडल से जीत की रणनीति तैयार
बिहार दौरे के दौरान केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राजग नेताओं के साथ बैठक कर चुनावी रोडमैप पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीटों के बंटवारे पर फैसला शीर्ष नेतृत्व बाद में करेगा, लेकिन स्थानीय नेताओं को अभी से बूथ स्तर पर माइक्रो मैनेजमेंट में जुट जाना होगा।

महाराष्ट्र में अपनाए गए बूथ स्तर के माइक्रो मैनेजमेंट के रोडमैप को आधार बनाकर राजग अब बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत की तैयारी में जुट गया है। अपने दो दिवसीय बिहार दौरे के दौरान केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस रणनीति पर विस्तार से चर्चा की और इसे अगले छह महीनों में अमल में लाने का टास्क दिया।
सीट बंटवारे को लेकर राजग की रणनीति
बूथ स्तर पर राजग नेताओं की बैठकें आयोजित करने, मतदाताओं की स्क्रीनिंग करने और उन बूथों पर वोट प्रतिशत बढ़ाने की योजना बनाई गई है, जहां पहले कम समर्थन मिला था। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया कि सीटों का बंटवारा शीर्ष नेतृत्व बाद में तय करेगा, लेकिन स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को अभी से बूथ स्तर पर माइक्रो मैनेजमेंट में जुटना होगा।
राजग दलों के जिला स्तर पर हो चुकी बैठकें
अमित शाह ने जोर देकर कहा कि कार्यकर्ताओं को अलग-अलग चुनावी तैयारियों में न लगकर समन्वय के साथ एकजुट होकर काम करना होगा। उन्हें यह जानकारी दी गई कि राजग दलों के जिला स्तर के पदाधिकारियों और नेताओं की समन्वय बैठकें पहले ही पूरी हो चुकी हैं। शाह ने सुझाव दिया कि इसी तरह का समन्वय ब्लॉक और बूथ स्तर पर भी होना चाहिए।
225 सीटों का लक्ष्य और महाराष्ट्र मॉडल
शाह का मानना है कि बूथ स्तर पर मजबूत रणनीति और एकजुट प्रयासों से राजग बिहार में 243 में से 225 सीटें जीत सकता है। उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे भाजपा, शिवसेना और राकांपा के कार्यकर्ताओं ने राज्य से लेकर बूथ स्तर तक समन्वय के साथ काम किया, जिससे महायुति गठबंधन को ऐतिहासिक जीत मिली।
लोकसभा चुनाव जैसा एकजुट प्रयास जरूरी
बिहार में भी राजग के सभी दलों को इसी तरह संगठित होकर काम करने की जरूरत है। शाह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सभी सहयोगी दल एकजुट होकर काम कर चुके हैं, इसलिए विधानसभा चुनाव में भी यही रणनीति अपनाई जानी चाहिए। उन्होंने साफ किया कि 225 सीटों का लक्ष्य भले ही बड़ा लगे, लेकिन बूथ स्तर तक माइक्रो मैनेजमेंट के सहारे इसे हासिल किया जा सकता है।