
छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन के लिए सामूहिक आत्मसमर्पण अभियान शुरू
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के खात्मे के लिए सामूहिक आत्मसमर्पण अभियान शुरू करने का फैसला किया है। सरकार की नई पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस नीति का मुख्य उद्देश्य नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कैबिनेट ने नक्सल प्रभावित इलाकों में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण-पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025’ को मंजूरी दी है। इससे पहले, जनवरी 2024 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर में बैठक कर नक्सलवाद के खात्मे के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया था। इस योजना में नक्सली गतिविधियों की निगरानी, संगठनों में शामिल युवाओं को मुख्यधारा में लाने और नक्सलियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने पर जोर दिया गया था। अब इसी दिशा में सरकार सामूहिक आत्मसमर्पण नीति को प्रभावी रूप से लागू कर रही है।
मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य
राज्य सरकार ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार के पास अब इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए केवल एक वर्ष का समय बचा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बीते 14 महीनों में 300 से अधिक नक्सली मारे गए हैं और 1,000 से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। अब सरकार सामूहिक आत्मसमर्पण नीति के माध्यम से इस प्रक्रिया को और तेज करने की रणनीति बना रही है।
आत्मसमर्पण करने वालों को मिलेगा पुनर्वास और सुरक्षा
नई नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण, रोजगार के अवसर, आवास, स्वास्थ्य सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान की जाएगी। सरकार का मानना है कि यह नीति न केवल नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करेगी, बल्कि राज्य में शांति और विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
नक्सल विरोधी अभियान को मिलेगी मजबूती
राज्य सरकार के इस कदम से नक्सल प्रभावित जिलों में हिंसा को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। सामूहिक आत्मसमर्पण अभियान से उन नक्सलियों को विशेष राहत मिलेगी जो संगठन छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं।
सरकार का संकल्प – नक्सलवाद का पूर्ण उन्मूलन
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया है कि छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आत्मसमर्पण नीति को सफल बनाने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठाएगी। आगामी एक वर्ष में नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए और भी कठोर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।