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पीएम मोदी 30 मार्च को छत्तीसगढ़ दौरे पर, महानदी-इंद्रावती नदी जोड़ो परियोजना को मिल सकती है गति

इस दौरान पीएम मोदी एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। अधिकारियों के अनुसार, उनके दौरे में कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया जाएगा, साथ ही प्रदेश में तीन नए पावर प्लांटों की शुरुआत संभव है।

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को छत्तीसगढ़ के दौरे पर आ रहे हैं, जिसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। यह दौरा राजनीतिक और विकास कार्यों की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राज्य सरकार इस अवसर पर इंद्रावती-महानदी नदी जोड़ो परियोजना का मॉडल पीएमओ के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करेगी।

साथ ही, नवा रायपुर में प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की वीरगाथा पर आधारित आदिवासी संग्रहालय का शुभारंभ कर सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार, इस दौरे के दौरान कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया जाएगा। इसके अलावा, प्रदेश में तीन नए पावर प्लांटों की शुरुआत की संभावना है। पीएम मोदी एक विशाल जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जिससे भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह है। पार्टी इसे आगामी चुनावों से पहले जनता के बीच अपनी नीतियों को प्रस्तुत करने के महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देख रही है।

इंद्रावती-महानदी नदी जोड़ो परियोजना से बड़े लाभ की उम्मीद

बस्तर एवं छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी इंद्रावती नदी को महानदी से जोड़ने के लिए एक बहुउद्देशीय परियोजना प्रस्तावित है। इस परियोजना का उद्देश्य सिंचाई, पेयजल आपूर्ति, औद्योगिक विकास, जल विद्युत उत्पादन और बाढ़ नियंत्रण को सुनिश्चित करना है। यह प्रदेश की पहली नदी जोड़ो परियोजना होगी, जिसे राज्य सरकार केंद्रीय अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर सकती है।

देश में वर्तमान में छह नदी जोड़ो परियोजनाएं प्रगतिरत हैं। राज्य सरकार को उम्मीद है कि यदि केंद्र सरकार इस परियोजना को स्वीकृति देती है, तो इसका क्रियान्वयन तेज़ी से हो सकेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 25 हजार करोड़ रुपए है।

परियोजना के मुख्य बिंदु

  • कैचमेंट एरिया: 15,280 वर्ग किमी
  • बैराज की लंबाई: 1,500 मीटर
  • बैराज की ऊंचाई: 50 मीटर
  • भंडारण क्षमता: 100 टीएमसी
  • प्रस्तावित नहर की लंबाई: 1,000 किमी
  • प्रस्तावित टनल की लंबाई: 40 मीटर
  • जल विद्युत उत्पादन: 300 मेगावाट
  • सिंचाई क्षेत्र: 2.50 लाख हेक्टेयर

बस्तर संभाग को मिलेगा सीधा लाभ

परियोजना के तहत बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा विकासखंड के अमलीधार गांव के पास इंद्रावती नदी पर एक बैराज के निर्माण का प्रस्ताव है। यह गांव जिला मुख्यालय से 115 किमी दूर स्थित है। इस परियोजना के तहत 2.50 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई के लिए 60 टीएमसी जल का उपयोग किया जाएगा।

इसके अलावा, 300 एमसीएम पेयजल और 250 एमसीएम जल उद्योगों को उपलब्ध कराया जाएगा। इससे 300 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन संभव होगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

महानदी कछार को मिलेगा अतिरिक्त जल

वर्तमान में महानदी कछार में बढ़ती जल आवश्यकताओं को देखते हुए, इस परियोजना के तहत नहर और टनल के माध्यम से गोदावरी और इंद्रावती कछार से जल व्यपवर्तन किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के सर्वेक्षण के लिए 9962.64 लाख रुपए का प्राक्कलन उच्च कार्यालय को भेजा गया है।

इस परियोजना से बस्तर संभाग में बाढ़ नियंत्रण में भी मदद मिलेगी, जिससे दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों को बड़ा लाभ होगा।

आदिवासी विद्रोह की झांकी होगी खास

नवा रायपुर में शहीद वीरनारायण सिंह संग्रहालय का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। इस संग्रहालय में ब्रिटिशकाल के जनजातीय विद्रोह की ऐतिहासिक झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी, जिससे देश के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों के योगदान को उजागर किया जाएगा।

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