राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में ‘जय जोहार’ के साथ किया संबोधन, कहा- आप सभी को देखकर ओडिशा की यादें ताजा हो गईं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह में कहा – यह राज्य महिला सम्मान का उदाहरण, अब तक मार्शल की जरूरत न पड़ना सबसे बड़ी उपलब्धि

मुख्य बातें
- छत्तीसगढ़ विधानसभा में रजत जयंती समारोह का आयोजन।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विधायकों को किया संबोधित।
- सुरक्षा के लिए 700 पुलिसकर्मियों की तैनाती।
रायपुर (President Raipur Visit): छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन की शुरुआत ‘जय जोहार’ से की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा को देखकर उन्हें ओडिशा के अपने पुराने दिनों की याद आ गई।
छत्तीसगढ़िया, सबले बढ़िया
राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह की बधाई देते हुए कहा कि यह राज्य महिला सशक्तिकरण और सम्मान का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ की स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हुई थी। उन्होंने कहा कि विधायक के रूप में कार्य करना एक जनसेवक के लिए सौभाग्य की बात है। इस राज्य की परंपराएं दर्शाती हैं कि छत्तीसगढ़िया, सबले बढ़िया!
छत्तीसगढ़ – नारी शक्ति का प्रतीक
उन्होंने छत्तीसगढ़ को मातृशक्ति का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह राज्य भारत माता का साक्षात स्वरूप है। यहां शबरी माता और छत्तीसगढ़ महतारी की महिमा गाई जाती है। छत्तीसगढ़ में महिलाओं को विशेष समर्थन मिला है, जिससे यह राज्य नारी सशक्तिकरण का एक उदाहरण बन गया है।
मिनीमाता का समाज के लिए योगदान
राष्ट्रपति ने वंचित वर्ग से आने वाली मिनीमाता के समाज सुधार कार्यों की सराहना की। उन्होंने विधानसभा में 19 महिला सदस्यों की उपस्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि महिला विधायकों को अपने क्षेत्र की अन्य महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने आह्वान किया कि सभी बहनें एक-दूसरे को सशक्त करें ताकि समाज अधिक मजबूत हो सके।
नक्सल प्रभावितों को समाज की मुख्यधारा में लाने पर जोर
राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार जल्द ही वामपंथी उग्रवादियों को समाज की मुख्यधारा में लाने में सफल होगी। उन्होंने छत्तीसगढ़ की समृद्धि और संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह राज्य खनिज संसाधनों, हरे-भरे जंगलों और नदियों का आशीर्वाद प्राप्त है। विधानसभा सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वे प्रकृति और विकास के बीच संतुलन बनाए रखें।
परिसीमन से परे दिलों का संबंध
राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सांस्कृतिक संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि परिसीमन की सीमाएं हो सकती हैं, लेकिन दिलों के बीच कोई दीवार नहीं होती। उन्होंने ‘हम भारत के लोग’ की भावना को दोहराते हुए छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत की सराहना की और प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रपति के आगमन पर आभार व्यक्त किया और कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का रजत जयंती समारोह लोकतांत्रिक परंपराओं की मजबूती को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस राज्य का निर्माण किया था, और तब से यह निरंतर प्रगति कर रहा है।
राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था
राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। रायपुर पुलिस और अर्धसैनिक बलों को विशेष रूप से तैनात किया गया है। एयरपोर्ट से विधानसभा तक के मार्ग को नो मेंस लैंड घोषित किया गया है ताकि किसी भी अव्यवस्था को रोका जा सके।
राष्ट्रपति की सुरक्षा को चार प्रमुख सेक्टरों में बांटा गया है, जिसमें 700 से अधिक पुलिस अधिकारी और जवान तैनात हैं। इस सुरक्षा व्यवस्था की कमान रायपुर रेंज के आईजी और एसएसपी संभाल रहे हैं। विधानसभा में अपने संबोधन से पहले राष्ट्रपति ने पौधारोपण भी किया, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके विशेष दृष्टिकोण को दर्शाता है।