
रायपुर। राजधानी रायपुर का तेजी से बढ़ता विकास और बेहतर होती सुविधाएं लोगों को यहां आशियाना बनाने के लिए आकर्षित कर रही हैं। न सिर्फ प्रदेश, बल्कि देश के अन्य हिस्सों से भी लोग रायपुर में प्रॉपर्टी खरीदने को तरजीह दे रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेशभर में संपत्ति की खरीदी-बिक्री में रायपुर सबसे आगे रहा, जहां 46,589 मकान और प्लॉटों की रजिस्ट्री हुई।
पंजीयन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बिलासपुर 41 हजार रजिस्ट्रियों के साथ दूसरे और दुर्ग 34 हजार रजिस्ट्रियों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। खास बात यह है कि रायपुर में संपत्ति खरीदने वालों में 10 फीसदी लोग प्रदेश के बाहर के हैं, जिससे स्पष्ट है कि राजधानी में हो रहे विकास का असर राष्ट्रीय स्तर पर भी दिखाई देने लगा है।
इस वर्ष पंजीयन विभाग को निर्धारित लक्ष्य से 90.12 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। हालांकि रजिस्ट्री की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में जहां 72,604 रजिस्ट्रियां हुई थीं, वहीं इस बार यह संख्या घटकर 46,589 पर आ गई है। यह गिरावट 26,015 रजिस्ट्रियों की है, जिसका मुख्य कारण अवैध प्लॉटिंग पर कार्रवाई और सुगम एप के जरिए बढ़ी निगरानी को माना जा रहा है।
बावजूद इसके, आय में इजाफा हुआ है। वर्ष 2023-24 में रजिस्ट्री से जहां 1104.81 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, वहीं यह आय पिछले साल की तुलना में 15.56 प्रतिशत ज्यादा रही।
सबसे ज्यादा खरीदी आवासीय प्लॉटों की हुई है। साथ ही, सरकारी एजेंसियों द्वारा रियायती दरों पर दिए जा रहे फ्लैट्स की बिक्री में भी इजाफा हुआ है। इससे रायपुर में अब मेट्रो शहरों की तरह फ्लैट कल्चर भी उभरने लगा है। यहां 20 लाख रुपये से लेकर 6 करोड़ रुपये तक के फ्लैट्स बिक चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि राजधानी में रियल एस्टेट का बाजार लगातार विस्तार की ओर है।