
रायपुर। आजाद चौक थाना क्षेत्र की समता कॉलोनी में 30 अप्रैल 2025 को हुई 4.40 लाख रुपये की सनसनीखेज लूट की वारदात का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के कलेक्शन एजेंट से हुई इस लूट में शामिल पांच आरोपियों को आजाद चौक पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में राजस्थान, रायपुर और अंबिकापुर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इन आरोपियों से एफआईआर में दर्ज रकम से कहीं अधिक — कुल 15 लाख रुपये बरामद किए हैं। दो अन्य आरोपी अब भी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के बाद बरामद राशि और बढ़ने की संभावना है।
ऐसे रची गई लूट की साजिश
इस लूटकांड का मास्टरमाइंड भवानी शंकर सारस्वत है, जो रायपुर में इलेक्ट्रॉनिक सामान का कारोबार करता है। उसने पीड़ित महावीर शर्मा की दिनचर्या पर नजर रखनी शुरू की, जो कि मूल रूप से राजस्थान का निवासी है और नियमित रूप से बड़ी रकम अकेले, बिना किसी सुरक्षा के ले जाया करता था। इस जानकारी का फायदा उठाते हुए भवानी ने अपने साथी भवानी शंकर उर्फ लालजी को राजस्थान से रायपुर बुलाया। इसके बाद लालजी ने बीकानेर और आसपास के इलाकों से तीन अन्य अपराधियों — रवि शर्मा, गुनानंद प्रजापति और राकेश भार्गव उर्फ कालू को योजना में शामिल किया। अंबिकापुर में रहने वाले रवि शर्मा को भी इस गिरोह का हिस्सा बनाया गया।
15 दिन की रैकी और सुनियोजित वारदात
महावीर शर्मा की गतिविधियों की 15 दिन तक बारीकी से निगरानी करने के बाद, भवानी शंकर ने पूरी योजना को अंजाम देने की तैयारी की। 30 अप्रैल की रात करीब 9 बजे, राजस्थान से आए बदमाशों ने महावीर से 4.40 लाख रुपये लूट लिए और उसकी दोपहिया वाहन भी छीन ली। बाद में दोपहिया को कुछ दूर लावारिस हालत में छोड़कर, बदमाश रकम का बंटवारा कर राजस्थान फरार हो गए।
सीमा पर शरण लेने की कोशिश
जांच के दौरान जैसे ही पुलिस भवानी शंकर के करीब पहुंची, उसे इसकी भनक लग गई। इसी दौरान भारत-पाकिस्तान सीमा पर चल रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बाड़मेर और फलौदी सहित कई इलाकों में ब्लैकआउट था। बदमाशों ने इसका फायदा उठाते हुए सीमा से सटे गांवों में छिपने की कोशिश की। बावजूद इसके, आजाद चौक पुलिस और क्राइम ब्रांच की दो टीमों ने लगातार कार्रवाई करते हुए आरोपियों को राजस्थान, रायपुर और अंबिकापुर से गिरफ्तार कर लिया।
बरामद हुई रकम और आगे की कार्रवाई
पीड़ित महावीर शर्मा के अनुसार, लूट की गई रकम 4.40 लाख रुपये थी। लेकिन पुलिस को पांच आरोपियों से कुल 15 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं। शेष दो आरोपी — योगेश और रामलाल — अभी फरार हैं। पुलिस का मानना है कि उनकी गिरफ्तारी से न केवल पूरी लूटी गई रकम बरामद हो सकेगी, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी मिल सकती हैं।
गिरफ्तार आरोपी
- भवानी शंकर सारस्वत – मुख्य साजिशकर्ता, निवासी श्रीडूंगरगढ़, बीकानेर (हाल: रायपुर)।
- भवानी शंकर उर्फ लालजी – निवासी लूणकरणसर, बीकानेर (हाल: अंबिकापुर)।
- रवि शर्मा – निवासी श्रीडूंगरगढ़, बीकानेर (हाल: अंबिकापुर)।
- गुनानंद प्रजापति – निवासी श्रीडूंगरगढ़, बीकानेर।
- राकेश भार्गव उर्फ कालू – निवासी श्रीडूंगरगढ़, बीकानेर।
पुलिस की सतर्कता
आजाद चौक थाना और क्राइम ब्रांच की तत्परता और समन्वय से यह गंभीर लूटकांड महज 48 घंटे में सुलझा लिया गया। फिलहाल, पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। इस मामले ने रायपुर में नकद लेन-देन करने वालों और व्यवसायियों के लिए सुरक्षा पर गहराए सवाल खड़े कर दिए हैं।