
चुनाव के कारण अटके मनरेगा प्रोजेक्ट, अब मजदूरों की वापसी से कार्य में आई तेजी
रायपुर। हाल ही में संपन्न हुए चुनावों के कारण जिले में मनरेगा के तहत चल रहे विकास कार्य प्रभावित हुए थे। ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों के गहरीकरण का कार्य जारी था, लेकिन मजदूरों ने मनरेगा छोड़कर चुनाव प्रचार में भाग लेना शुरू कर दिया।
चुनाव प्रचार के दौरान मजदूरों को मनरेगा की तुलना में अधिक पारिश्रमिक मिलने के कारण वे रैलियों और प्रचार अभियानों में जुट गए, जिससे गहरीकरण कार्य ठप पड़ गया। अब चुनाव समाप्त हो गए हैं, और मजदूर धीरे-धीरे फिर से मनरेगा के कार्यों में लौटने लगे हैं।
1077 तालाबों का गहरीकरण जल्द होगा पूरा
पिछले दो वर्षों में जिले के ग्रामीण इलाकों में कुल 1723 तालाबों के गहरीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इनमें से 646 तालाबों का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 1077 तालाबों का गहरीकरण अधूरा पड़ा हुआ है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, मौसम, धान की खरीदी और चुनावी व्यस्तताओं के कारण इन परियोजनाओं में देरी हुई। दिसंबर 2024 तक कई तालाबों का गहरीकरण पूरा हो जाना था, लेकिन मजदूरों की अनुपस्थिति के कारण कार्य अधूरा रह गया। अब, मजदूरों की वापसी के चलते इन कार्यों में तेजी आने लगी है।
गर्मी में बढ़ेगी मजदूरों की संख्या, कार्य में आएगी तेजी
गर्मी के महीनों में मनरेगा के तहत लगभग एक लाख मजदूर काम करते हैं। अब जब धान की कटाई, तौलाई और खरीदी का कार्य पूरा हो चुका है, और चुनाव भी समाप्त हो गए हैं, मजदूर फिर से काम की ओर लौट रहे हैं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, फिलहाल 50,000 से अधिक मजदूर वापस आ चुके हैं, और आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। इससे तालाबों के गहरीकरण कार्य में और तेजी आएगी।
जिला सहायक परियोजना अधिकारी, रोशनी तिवारी, ने कहा,
“मजदूरों की वापसी से तालाबों के गहरीकरण कार्य में तेजी आई है। हम उम्मीद करते हैं कि गर्मी के महीनों में इस कार्य को पूरा कर लेंगे।”