
मुख्य बिंदु:
- जीएसटी महानिदेशालय ने अब तक 357 अवैध गेमिंग साइट्स को ब्लॉक किया।
- 700 से अधिक साइट्स पर नजर, जिन पर सट्टेबाजी जारी।
- विदेश में बैठे सट्टेबाज नया URL बनाकर गेमिंग साइट्स को शिफ्ट कर देते हैं।
भिलाई: अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी पर कार्रवाई, लेकिन सट्टेबाजों की नई चालें जारी
दुबई समेत अन्य शहरों से ऑनलाइन सट्टे का अवैध कारोबार चलाने वाले अपराधी जांच एजेंसियों के सामने लगातार नई चुनौतियां पेश कर रहे हैं। जैसे ही किसी यूआरएल (यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर) को ब्लॉक किया जाता है, सट्टेबाज तुरंत नया यूआरएल जनरेट कर गेमिंग प्लेटफॉर्म को वहां शिफ्ट कर देते हैं।
इस तकनीकी बदलाव के चलते उनका अवैध कारोबार बेरोकटोक जारी रहता है। जीएसटी महानिदेशालय ने अब तक 357 अवैध गेमिंग साइट्स को ब्लॉक किया है, जबकि 700 से अधिक संदिग्ध साइटों की पहचान की गई है, जिन पर सट्टेबाजी संचालित की जा रही है। इन साइटों की अब कड़ी निगरानी की जा रही है।
साइट ब्लॉक होने के बावजूद सट्टेबाजी पर असर नहीं
बीते विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने महादेव बुक, रेड्डी अन्ना, फेयरप्ले, महाकाल बुक, लोटस समेत 32 साइट्स को ब्लॉक किया था। लेकिन विदेश में बैठे सट्टेबाजों ने तुरंत नया यूआरएल बनाकर गेमिंग साइट्स को शिफ्ट कर दिया, जिससे इस अवैध कारोबार पर कोई खास असर नहीं पड़ा।
सभी गेमिंग साइटें जीएसटी चोरी कर सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रही थीं। ऑनलाइन सट्टेबाजी के संचालन की रीढ़ म्यूल अकाउंट हैं, जिन पर कार्रवाई की जा रही है। एसपी दुर्ग जितेंद्र शुक्ला के अनुसार, “जीएसटी महानिदेशालय से जो भी निर्देश मिलेगा, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।”
सौरभ चंद्राकर के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी
अक्टूबर 2024 में महादेव सट्टा एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर को इंटरपोल ने दुबई में गिरफ्तार किया था। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने उसके प्रत्यर्पण के लिए डोजियर दुबई भेजा, जिसमें ईडी और छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई का पूरा विवरण शामिल है। फिलहाल, उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है।
बैंक खातों पर नकेल कसना हो सकता है प्रभावी समाधान
साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक, ऑनलाइन सट्टेबाजी पर नियंत्रण पाने के लिए बैंक खातों पर सख्ती एक प्रभावी विकल्प हो सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन संचालित समन्वय पोर्टल म्यूल अकाउंट्स की निगरानी कर रहा है।
ऑनलाइन सट्टे में बड़े पैमाने पर बैंक खातों के जरिए लेनदेन होता है। यदि म्यूल अकाउंट्स की पहचान कर कार्रवाई की जाए, तो इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाना संभव हो सकता है।