कोरबाछत्तीसगढ़

कोरबा में तेज रफ्तार पिकअप नहर में गिरी, दो बच्चों समेत पांच लापता; चालक गिरफ्तार

सक्ती जिले से मुकुंदपुर जा रही तेज रफ्तार पिकअप मड़वारानी जर्वे के पास पलटकर नहर में गिरी, दो बच्चे और तीन महिलाएं बह गए, पांच लोग बच निकले

कोरबा। छत्तीसगढ़ के सक्थी जिले में रविवार को एक भयंकर हादसा हुआ, जब एक मालवाहक पिकअप वाहन में 25 ग्रामीणों को ठूंसकर भर लिया गया था। यह लोग छट्ठी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। ओवरलोड और तेज रफ्तार के कारण पिकअप वाहन मड़वारानी जर्वे के पास अनियंत्रित होकर नहर में गिर गया।

नहर में रबी फसल के लिए पानी छोड़ा गया था, जिससे तेज बहाव हो रहा था। इस हादसे में दो बच्चों और तीन महिलाओं सहित पांच लोग नहर में बह गए, जबकि बाकी लोग किसी तरह से बच निकले। आसपास के ग्रामीणों ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया और बचाव अभियान चलाया, लेकिन लापता लोगों की तलाश अभी भी जारी है। पुलिस ने चालक को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

हादसे का कारण:
सक्थी जिले के ग्राम रेड़ा से रविवार को ग्रामीण पिकअप वाहन में सवार होकर मड़वारानी के पास ग्राम खरहरी जा रहे थे। चालक प्रहलाद दास महंत दांयी तट नहर मार्ग से तेज रफ्तार में वाहन चला रहा था, और हादसे के समय वाहन की गति 70 किलोमीटर प्रति घंटा थी। ग्राम मुकुंदपुर के पास चालक ने वाहन से नियंत्रण खो दिया, जिससे पिकअप नहर में गिर गया। ओवरलोडिंग के कारण हादसा और भी गंभीर हो गया।

लापता लोगों की तलाश:
हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई, और आसपास के ग्रामीणों तथा राहगीरों ने नहर में कूदकर कई लोगों को बचाया। संतोषी बाई, जवलबाई, गणेशी बाई, ममता बाई, मेमबाई, हरिमति साहू, दयामति, सुशीला कंवर, और कई अन्य लोगों को सुरक्षित निकाला गया। हालांकि, इतवार बाई, मानमति कंवर, जाम बाई, तान्या साहू, और नमन कंवर तेज बहाव में बह गए और लापता हैं। गोताखोरों की मदद से उनकी तलाश जारी है।

पुलिस की कार्रवाई:
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी और वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। घायलों को एंबुलेंस के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। चालक प्रहलाद दास फरार हो गया था, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। जेसीबी की मदद से पिकअप को नहर से बाहर निकाला गया और वाहन को जब्त कर लिया गया।

तेज बहाव ने बढ़ाई मुश्किलें:
नहर में तेज बहाव के कारण बचाव कार्य में कठिनाइयां आईं। ग्रामीणों ने मदद की, लेकिन लापता लोगों को ढूंढने में गोताखोरों को भी परेशानी हो रही है। इस हादसे के बाद रेड़ा गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।

यातायात नियमों की अनदेखी का खामियाजा:
ग्रामीण इलाकों में मालवाहक वाहनों में लोगों को ले जाने की यह एक सामान्य प्रथा बन चुकी है, लेकिन यातायात नियमों की अनदेखी और ओवरलोडिंग के कारण ऐसे हादसे आम हो गए हैं। पुलिस अक्सर बड़े हादसों के बाद ही सक्रिय होती है, लेकिन कुछ समय बाद फिर वही लापरवाही शुरू हो जाती है। यह हादसा एक बार फिर यातायात नियमों की सख्ती और पालन की जरूरत को उजागर करता है।

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