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NCERT Books: चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं के पाठ्यक्रम में बदलाव, इस वजह से बाजार में नहीं मिलीं नई एनसीईआरटी किताबें

खबर रायपुर, छत्तीसगढ़ से है, लेकिन संभावना है कि अन्य शहरों में भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। स्कूल शुरू हो चुके हैं और बच्चों से किताबें लाने का दबाव बढ़ गया है, जिससे माता-पिता में चिंता का माहौल है।

रायपुर: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने इस वर्ष कक्षा चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं के पाठ्यक्रमों में बदलाव किया है, जिसके चलते इन कक्षाओं की किताबें अभी तक बाजार में उपलब्ध नहीं हो पाई हैं।

इसी बीच, एनसीईआरटी ने एक ब्रिज कोर्स भी तैयार किया है, जो छात्रों को अगली कक्षा में जाने से पहले नई शिक्षा नीति और पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार करेगा। यह कोर्स मुख्य रूप से कक्षा पांचवीं से आठवीं तक के छात्रों के लिए है।

स्कूल शुरू, लेकिन किताबें नहीं:
1 अप्रैल से स्कूलों की शुरुआत हो चुकी है, और अभिभावकों पर बच्चों को किताबें लाने का दबाव बढ़ा हुआ है, जिससे वे परेशान हैं। हालांकि, स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों का इस्तेमाल सुनिश्चित करें।

ब्रिज कोर्स से पढ़ाई:
केंद्रीय विद्यालय-1 के प्राचार्य अशोक चंद्राकर ने बताया कि एनसीईआरटी ने इस बार सभी कक्षाओं के छात्रों को पढ़ाने के लिए ब्रिज कोर्स जारी किया है, जिसमें पिछली कक्षा के कुछ विषयों को पुनः पढ़ाया जा रहा है और बच्चों से उनका पुनः आवलोकन कराया जा रहा है।

वहीं, सीबीएसई स्कूल के शिक्षक बताते हैं कि उनके पास अभी तक पुराने पाठ्यक्रम की किताबें हैं, क्योंकि नए पाठ्यक्रम के तहत किताबें पूरी तरह से छप नहीं पाई हैं। इस कारण बच्चों को नई किताबें मिलने में देरी हो रही है। इससे सीबीएसई और केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ने वाले हजारों छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इस वर्ष हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषयों के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है, और नई किताबें जुलाई तक मिलने की संभावना जताई जा रही है।

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