
रायपुर। राजधानी के होटल बेबीलॉन इंटरनेशनल में आज नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम-सह-कार्यशाला ‘नगर सुराज संगम’ का उद्घाटन उप मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने किया। इस कार्यशाला में प्रदेश के सभी नगर निगमों के महापौर, सभापति, एमआईसी सदस्य, आयुक्त और वरिष्ठ अभियंता भाग ले रहे हैं। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य नगरीय निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को आगामी पांच वर्षों की कार्ययोजना के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करना है, साथ ही नगरीय प्रशासन विभाग और SUDA की योजनाओं की जानकारी देना है। उप मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से सभी महापौरों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्षों को पत्र भेजकर इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया था।
कार्यशाला की शुरुआत करते हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, “बड़े-बड़े भवन बनाने से विकास नहीं होता। विकास एक ठोस योजना के साथ, उसकी उपयोगिता और आवश्यकता को समझकर किया जाना चाहिए।” उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे जनता द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी को गंभीरता से लें क्योंकि शहर के हर गली, कण और व्यक्ति से उनका सीधा संबंध है।
अपने संबोधन में उन्होंने जल संकट की ओर भी ध्यान दिलाया और कहा, “जल स्तर तेजी से घट रहा है, और रेन हार्वेस्टिंग को प्रभावी रूप से लागू नहीं किया जा रहा है। इसमें जनभागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।” उन्होंने आगे बताया कि सरकार पुराने कुओं का सर्वेक्षण करके जल संरक्षण के लिए कार्य योजना तैयार करेगी, साथ ही हर घर में नल जल पहुंचाने और मोहल्लों में टैंक और सेवा केंद्र स्थापित करने का संकल्प लिया गया है।
उप मुख्यमंत्री ने शहरों में टिकाऊ विकास और विविधता को बढ़ावा देने की बात करते हुए कहा, “हम ‘सरकार तुंहर द्वार’ की तर्ज पर एक-एक सेवा केंद्र स्थापित करेंगे ताकि आम जनता को नगर निगम के दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें।” उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और गरीबों के लिए आवास की उपलब्धता पर भी जोर दिया और कहा, “गरीबों की भलाई के लिए योजनाएं बनती हैं, लेकिन उन्हें धरातल पर उतारना हमारी जिम्मेदारी है।” इसके साथ ही प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारी पर भी चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “हमारा शहर किसी भी आपदा का सामना कर सकता है। तालाबों और सड़कों की स्थिति देखकर दुख होता है। हमें इन मुद्दों पर ठोस योजना बनाकर काम करना होगा।”