
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बहादुरी और वीरता का परिचय देने वाले 295 पुलिसकर्मियों को क्रम से पूर्व पदोन्नति दी है। यह जानकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को दी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने नक्सल विरोधी अभियान में सक्रिय इन जवानों को सम्मानित करते हुए पदोन्नति का आदेश जारी किया, जिसे पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अरुण देव गौतम ने अधिसूचित किया।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सोशल मीडिया पर पदोन्नति आदेश की तस्वीर साझा करते हुए इन 295 पुलिसकर्मियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में देश के संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए इन बहादुर जवानों ने अदम्य साहस और समर्पण का प्रदर्शन किया है। विजय शर्मा ने लिखा कि ये जवान जंगल को अपना घर मानकर जमीन के नीचे से भी नक्सलियों को बाहर निकालने का साहस रखते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सरकार ने इन जवानों के सम्मान में क्रम से पूर्व पदोन्नति का निर्णय लिया है।
पदोन्नति पाने वाले पुलिसकर्मियों में से एक दुर्ग संभाग के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ जिले में तैनात हैं, जबकि बाकी सात जिले बस्तर संभाग के हैं, जिनमें दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव, सुकमा और कांकेर शामिल हैं। ये पुलिसकर्मी विशेष कार्य बल, खुफिया शाखा और अन्य पुलिस इकाइयों में सेवाएं दे रहे हैं। पदोन्नति में 206 आरक्षकों को प्रधान आरक्षक, 37 प्रधान आरक्षकों को सहायक उप निरीक्षक (एएसआई), 15 एएसआई को उप निरीक्षक (एसआई), 16 एसआई को निरीक्षक, 3 प्लाटून कमांडरों को कंपनी कमांडर, 6 सहायक प्लाटून कमांडरों को प्लाटून कमांडर और 12 कर्मियों को सहायक प्लाटून कमांडर बनाया गया है।
विजय शर्मा ने कहा कि इन बहादुर जवानों के शौर्य और पराक्रम के दम पर बस्तर क्षेत्र से नक्सलवाद समाप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के हर जिले में बांग्लादेशी समेत अवैध घुसपैठियों की पहचान और रोकथाम के लिए विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया गया है। इस संबंध में कई मामले सामने आए हैं जिनमें बांग्लादेशी नागरिक फर्जी पहचान लेकर छत्तीसगढ़ में रह रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वे बिना पुष्टि के किसी को अपना आवास किराये पर न दें और अपने किरायेदारों की जानकारी स्थानीय पुलिस को जरूर दें, ताकि सुरक्षा में किसी प्रकार की चूक न हो।